//कुमार दुष्यंत/हरिद्वार//
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत पर ‘धीमें’ मुख्यमंत्री होने के आरोप तो जबतब लगते ही रहे हैं।अब उन्हें ‘पापी’ की संज्ञा से भी नवाजा जा रहा है।रोचक बात यह है कि यह अलंकरण उन्हें उन्हीं की पार्टी के पुराने लोग प्रदान कर रहे हैं!
जी,हां! हरिद्वार के एक वरिष्ठ भाजपायी अशोक त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री को ‘पापी’ कहा है।सिर्फ इतना ही नहीं ऊन्होने मुख्यमंत्री सहित नगर विकास मंत्री मदन कौशिक पर भी अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए हरिद्वार में गंगा के साथ ‘षडयंत्र’ करने का भी आरोप लगाया है।
अशोक त्रिपाठी हरिद्वार के पुराने भाजपायी हैं।वह जिला पंचायत हरिद्वार के अध्यक्ष रह चुके हैं तथा पार्टी टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं।गंगा को लेकर आज उनकी नाराजगी अपनी ही सरकार के खिलाफ फूटकर सामने आ गई।उन्होंने मुख्यमंत्री व नगर विकास मंत्री पर आरोप लगाया है कि गंगा को स्कैप चैनल घोषित कर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जो पाप किया था, मौजूदा मुख्यमंत्री व नगर विकास मंत्री भी उसके सहभागी हैं।उन्होंने मीडिया को एक पत्र जारी कर आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत व मंत्री मदन कौशिक अपने स्वार्थों के लिए गंगा को नहर बनाने पर तुले हुए हैं।
दरअसल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हाईकोर्ट के निर्देशों पर गंगा किनारे दो सो मीटर की परिधि में बने होटलों को ध्वस्तीकरण से बचाने के लिए हरिद्वार में हरकीपैड़ी की धारा को नहर घोषित कर दिया था।तब भाजपा ने भी कांग्रेस सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया था।
हरीश सरकार के पतन के बाद त्रिवेंद्र सरकार ने हरिद्वार में गंगासभा सहित तमाम पंडे,पुरोहितों को आश्वस्त किया था कि वह शीघ्र हरीश रावत सरकार के इस फैसले को निरस्त कर देंगे।लेकिन तीन साल से अधिक समय बीतने पर भी त्रिवेंद्र सरकार ने इसपर कुछ नहीं किया।जिसपर आज पुरोहित समाज से आने वाले वरिष्ठ भाजपाई अशोक त्रिपाठी का गुस्सा अपनी सरकार के ही खिलाफ फूट पड़ा।