पौड़ी। जनपद के चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत डाकघर जिवाई, पट्टी बंगारस्यूं, बीरोंखाल ब्लॉक, बिरगणा गांव में पानी का संकट गहरा गया है। यहां पानी का संकट ऐसे समय में हुआ, जब कोरोना के चलते काफी संख्या में प्रवासी गांव में पहुंचे हैं।
बिरगणा लगभग 80 परिवारों का गांव है, जो पांच तोकों को मिलकर बना है। वर्ष 1977-78 में इसके दो तोकों के लिए पानी की पाइप लाइन बिछी थी। पाइप लाइन का रखरखाव गांव वाले ही करते हैं, लेकिन सरकारी सहायता के अभाव में पाइप लाइन टूट गई है और पाइप जंग खा चुके हैं।
सवाल यह है कि स्वच्छ भारत योजना के तहत गांवों में जहां हर घर में शौचालय तो हंै, लेकिन पानी नहीं है। अब बिरगणा गांव में चट्टानों के खिसकने से पाइप लाइन बीती दो जून को फिर टूट गई। गर्मी के दिनों में प्रवासियों की बढ़ी संख्या से पानी का संकट हो गया है। पानी की कमी इस गांव से पलायन का मुख्य कारण रहा है।
गांव में अधिकतर सेवारत सैनिक, अर्धसैन्य बलों के सैनिक या उनके आश्रित रहते हैं। पिछले सौ सालों में इस गांव ने देश को 100 से अधिक फौजी देश को दिए हंै, जिसमें प्रथम विश्व युद्ध में मिलिट्री क्रॉस विजेता और जम्मू कश्मीर में शहीद सैनिक भी हैं।
अभी भी गांव से एक कर्नल, एक लेफ्टिनेंट कर्नल, एक मेजर, एक कैप्टन और अनेक जवान सेना में रहकर देश की सेवा में हैं। आशा है शासन या प्रशासन सैन्य बहुल इस गांव के सभी 5 तोकों के लिए एक स्थायी पेयजल योजना का कार्य प्रधान-मंत्री की ‘हर घर नल से जलÓ की योजना के अंतर्गत करेगा।