हरे पेड़ों पर चल रही आरी, अधिकारियों के सामने नियमों की लाचारी
– लैंसडोन वन प्रभाग में वन पंचायत की भूमि में धड़ल्ले से काटे जा रहे हरे पेड़
रिपोर्ट- अनुज नेगी
कोटद्वार। एक ओर प्रदेश सरकार हरेला पर्व मना कर लाखो पेड़ लगा रही है, वही दूसरी ओर माफिया हरे पेड़ो पर अरियाँ चला सरकार के हरेला पर्व की भद पिटवा रहे है। जनपद पौड़ी कोटद्वार तहसील के अंतर्गत देवीखाल, भदालिखाल, मटियाली, झटरी, डाडामंडी आदि ग्राम पंचायतों में आजकल वन माफिया वन पंचायतों की भूमि से हरे पेड़ों पर जमकर अरियाँ चला कर चांदी कूट रहे है।
हमेशा से विवादों में रहने वाला लैंसडोन वन प्रभाग में वन माफिया सक्रिय रहते है। क्या इन वन माफियाओं पर किसी मंत्री का हाथ है। कोटद्वार तहसील में इन दिनों वन विभाग व राजस्य विभाग से अनुमति से हरे पेड़ो की काटने की अनुमति मिली है,जिससे वह माफिया बेखौफ होकर वन पंचायत की भूमि में हरे पेड़ो पर आरिया चला रहे है। वही वन विभाग व राजस्य विभाग वन पंचायत की भूमि पर हरे पेड़ो की कटान नियम विरुद्ध अनुमति का हवाला देकर दे रहा है।
बता दें कि, वन माफिया वन पंचायत की भूमि में हरे पेड़ों को सूखा व अति जीण-छीण दिखा कर पेड़ो की कटाई की अनुमति लेकर हरे पेड़ो की कटाई कर रहे है। जबकि वन विभाग के वन दारोगा व फॉरेस्ट गार्ड व प्रशासन का उप निरीक्षक कुछ चंद लालच में हरे पेड़ों का मौका मुनाया कर के पेड़ो की गलत रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज देते है। जहा वन माफियाओं की सेटिंग से फाइल को ओके किया जाता है, औऱ वन माफिया बेखोफ होकर वन पंचायत की भूमि पर हरे पेड़ो पर अरियाँ चला कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है।
आपको बता दे कि, वन पंचायत की भूमि में हरे पेड़ो की कटान की अनुमति नही मिलती,सिर्फ सूखा व अति जीण् छीण पेड़ो की नीलामी की जाती है। अगर आप पड़े काटना चाहते हो तो चंद रुपये खर्च कीजिए और बेझिझक होकर हरे पेड़ों पर आरा चलाइए। जी हां, यह कोई फसाना नहीं, बल्कि हकीकत है। पर्वतजन ने जब इस मामले में उपजिलाधिकारी कोटद्वार से बात करनी चाही तो उनके द्वारा फोन नही उठाया गया
क्या कहते हैं जिम्मेदार
– में कुछ दिन पहले ही अतिरिक्त चार्ज पर आया हूँ। ये सारी फाइल पहले की स्वीकृति हो रखी है। वन पंचायत की भूमि में पेड़ों के कटान के लिए ग्राम सभा प्रस्ताव स्वीकृति करती है। उसी के आधार पर पेड़ो की कटान की परमिशन दी जाती है। – संतराम, डीएफओ कोटद्वार।