कमल जगाती, नैनीताल
श्रीनगर के सुमाड़ी एन.आई.टी कैम्पस मामले में उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार का निर्णय निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाया और सरकार से छात्र हित देखते हुए कैम्पस निर्माण करने को कह दिया है। न्यायालय ने कैम्पस जाते समय घायल हुई छात्रा मीना गुप्ता को पच्चीस लाख रुपये का मुआवजा और स्वास्थ्य सुविधा देने को कहा है। न्यायालय ने अस्थाई कैंपस में छात्र छात्राओं को सभी सुख सुविधाएं शीघ्र देने को कह दिया है। खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार से जुलाई 2021 तक सभी चीजें सुचारू करने को कहा है।
एन.आई.टी.के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उनके कॉलेज निर्माण को 9 वर्ष हो गए हैं, लेकिन 9 वर्षों के बाद भी एन.आई.टी.को स्थाई कैंपस नहीं मिल सका है। इसको लेकर छात्र काफी लंबे समय से स्थाई कैंपस की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने ये भी कहा कि अभी छात्र जिस भवन में शिक्षा ले रहे हैं वह भवन पूरी तरह से जर्जर है और वहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।