बेरोजगारों के सवाल पर विचलित सीएम ने डिलीट किया था यही लाइव वीडियो
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने छात्र छात्राओं से संवाद करने के लिए कल 27जुलाई को फेसबुक पर ई-संवाद नाम से लाइव कार्यक्रम शुरू किया। लेकिन यह कार्यक्रम भर्ती घोटालों, एमबीबीएस फीस बढोतरी और पीसीएस भर्ती न निकलने से पीड़ित छात्रों के कमेन्ट करने के कारण इतना विचलित करने वाला हो गया कि, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपना लाइव वीडियो भी डिलीट करना पड़ गया।
फॉरेस्ट गार्ड भर्ती से लेकर कई अन्य घोटालों और समस्याओं को लेकर लोगों के सवाल इतनी तीखे थे कि मुख्यमंत्री विचलित हो गए। पहले तो त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लाइव कार्यक्रम में सवालों का जबाब देने के बजाय सिर्फ अपना एक तरफा संवाद जारी रखा और जब कमेंट में इसको लेकर भी तंज कसा जाने लगा तो फिर त्रिवेंद्र सिंह रावत को यह लाइव कार्यक्रम का वीडियो ही अपनी फेसबुक पर से डिलीट करना पड़ा।
सवाल कितने तीखे थे यहां पर उस लाइव कार्यक्रम का एक अंश पाठकों के लिए प्रस्तुत है। इस ई संवाद कार्यक्रम के दौरान अधिकांश कमेंट फॉरेस्ट गार्ड भर्ती घोटाले की एसआईटी जांच तत्काल पूरी करने को लेकर आए थे। इसके अलावा छात्र-छात्राएं लगातार एमबीबीएस की फीस कम करने को लेकर कमेंट करते रहे। जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आईएएस परीक्षा की तैयारियों के लिए छात्र छात्राओं का आह्वान तो एक बार फिर से कमेंट करने वालों की बाढ़ आ गई और छात्र-छात्राएं यह कमेंट करने लगे कि आईएएस की तैयारी बाद में कराना पहले चार-पांच साल से अटके हुए पीसीएस की भर्तियां तो निकाल लो !
गौरतलब है कि, इन तीनों मोर्चों पर सरकार पूरी तरीके से फैल रही है। त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास तीनों सवालों का कोई जवाब नहीं है। यही कारण था कि लाइव कार्यक्रम का वीडियो भी डिलीट करना पड़ गया। लाइव कार्यक्रम को डिलीट करने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फेसबुक पर एक फोटो के साथ एक छोटा सा लेख शेयर किया, जिसमें यह बताया कि कार्यक्रम में क्या-क्या हुआ ! किंतु लोगों ने यहां पर भी उनका पीछा नहीं छोड़ा और अपने कमेंट में उनसे पूछने लगे कि आखिर यह ई संवाद था या फिर एक तरफा भाषण!
कई लोगों ने लाइव कार्यक्रम को डिलीट करने पर भी सवाल खड़े किए। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी लाइव कार्यक्रम का वीडियो डिलीट करने पर इसे बेहद अजीब बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को फॉरेस्ट गार्ड भर्ती घोटाले की समय बद्ध जांच करते हुए दोषियों को सजा देनी चाहिए और परीक्षा देने वालों के साथ न्याय करना चाहिए। मुख्यमंत्री के इस लाइव कार्यक्रम को लगभग साढे पांच सौ लोग लगातार देख रहे थे। लेकिन बेरोजगारों के सवालों के चलते यह फेसबुक वीडियो ही डिलीट कर दिया गया।