गिरीश गैरोला/ उत्तरकाशी//
बीआरओ ने एनजीटी को दिया सड़क के सामरिक महत्व का हवाला!
जुलाई महीने मे डेढ़ गुना अधिक वर्षा के बाद भी सुरक्षित रही गंगोत्री धाम की सड़क!
दो वर्ष के कार्यकाल के बाद तबादले पर जाने से पूर्व बीआरओ के कमांडर सुभाष लूनिया ने पत्रकार वार्ता मे जताया जनता का आभार!
ऋषिकेश से गंगोत्री धाम सहित चीन सीमा से लगे नेलोंग बार्डर तक सड़क की ज़िम्मेदारी थामे बीआरओ के कमांडर सुभास लूनिया ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल के बाद ट्रान्सफर पर जाने से पूर्व पत्रकार वार्ता मे बताया कि भागीरथी ब्रिज को समय सीमा के अंदर तैयार किया गया जबकि गंगोरी और स्वारी गाड मे बनने वाले पुलों पर इको सेंसटिव ज़ोन के प्रतिबंध के चलते निर्माण मे मुश्किल हो सकती है। हालांकि सीमा के तरफ जाने वाली सड़क के सामरिक महत्व को देखते हुए एनजीटी को नियम मे ढील देने की अपील सीमा सड़क संगठन द्वारा की गयी है।
उन्होने बताया कि नालु पानी के डैन्जर ज़ोन को एनएचआईडीसीएल को दिये जाने के कारण उस पर बीआरओ द्वारा ज्यादा काम नहीं किया गया बाकी सभी स्थानों पर स्लोप स्टेब्लाइजेशन कार्य किया गया है। विदाई वार्ता में उन्होंने जनता का और खास कर सड़क पर चलने वाले वाहन चालकों का आभार जताया।
श्री लूनिया ने बताया कि उनके कार्यकाल मे सड़क मे बेहतर सुधार हुआ है। यही वजह है कि विगत वर्ष की तुलना मे अभी तक साढ़े तीन गुना अधिक यात्री गंगोत्री धाम के दर्शन कर चुके हैं और डेढ़ महीने के बचे हुए यात्रा काल में यात्रियों की संख्या रिकार्ड 5 लाख तक पहुंचने की संभावना है।
उन्होने बताया कि पिछले तीन वर्षो कि तुलना मे इस वर्ष डेढ़ गुना अधिक वर्षा हुई है इसके बाद भी सड़क व्यवस्था चाक चौबन्द रही।