हाल ही में आउट सोर्स के माध्यम से रखी गयी महिला कंप्यूटर ऑपरेटर को निकाले जाने का मामला सामने आया है| निकाले गये आउट सोर्स कर्मचारियों ने वन संरक्षक को एक पत्र लिख कर उचित न्याय की मांग की है |
वन संरक्षक को संबोधित करते हुए उन्होंने लिखा कि प्रार्थी अल्मोड़ा वन विभाग अल्मोड़ा में विगत 5 वर्षों से कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत है, परंतु वर्तमान में माह नवंबर 2020 से अल्मोड़ा वन प्रभारी द्वारा बिना किसी कारण के सभी कंप्यूटर ऑपरेटर को कार्य से हटाया गया है
प्रभागीय वन अधिकारी महोदय से कारण पूछे जाने पर टेंडर प्रक्रिया द्वारा वापस रखें जाने का आश्वासन दिया गया| 2 माह बीत जाने के उपरांत टेंडर प्रक्रिया निरस्त होना ज्ञात होने पर हमारे द्वारा प्रभारी महोदय से दूरभाष किया गया और उनके द्वारा बताया गया कि वन संरक्षक महोदय द्वारा 2 ही ऑपरेटर को रखें जाने की अनुमति प्राप्त हुई है
आगे उन्होंने वन संरक्षक से पत्र में सवाल किया कि:-
- प्रक्रिया के निरस्त होने के बावजूद हमें किस कारण से हटाया गया?
- और इसी अंतराल वापस से रखे गए 2 ऑपरेटर को किस आधार पर कार्य पर रखा गया है?
- अगर बिना टेंडर प्रक्रिया के ही कंप्यूटर ऑपरेटर रखे जाने थे तो हमें क्यों हटाया गया?
- कार्य के लिए सिर्फ पुरुषों को रखे जाने का क्या तात्पर्य है ?
विगत 5 वर्षों वर्षों से हम महिलाओं द्वारा अपनी पूरी निष्ठा से उच्चाधिकारियों द्वारा दिया गया हर कार्य समय से किया गया है हमें कार्य से सिर्फ इसलिए हटाया जाना कि हम महिलाएं कहां क्या यह उचित है| उन्होंने उपरोक्त तथ्य को लेकर उचित कार्यवाही करने की मांग की है,
और आगे उन्होंने बताया की :
वर्तमान में कोविड-19 के चलते सरकार की भी यही मानना रहा है कि किसी भी व्यक्ति के रोज़गार को छीना नहीं जाएगा, बावजूद इसके हमारे रोज़गार को छीना गया है, हमारे परिवार का भरण-पोषण का मुख्य आधार ही हमारे द्वारा विभाग में कार्य किया जाना था, इतनी विपत्ति के समय हमें कार्य से निकाला जाना न्याय उचित नहीं है हमारी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हमें पुनः में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में सेवा बहाल करने हेतु संबंधित को उचित आदेश देने की मांग की है |