सीबीआई जांच से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट गए त्रिवेंद्र सिंह रावत की याचिका पर फरवरी लास्ट में सुनवाई होगी। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा दायर याचिका पर वह फरवरी के अंतिम सप्ताह में सुनवाई करेगा।
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। सीबीआई जांच से बचने के लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाईकोर्ट के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। ग़ौरतलब है कि पिछले साल 29 अक्टूबर को उच्चतम न्यायालय ने हाईकोर्ट के आदेश पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि इसमें त्रिवेंद्र सिंह रावत का पक्ष नहीं सुना गया है।
ग़ौरतलब है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की कथित रिश्तेदारों के खाते में वर्ष 2016 में धन स्थानांतरित करने से जुड़े हुए मामले में पर्वत जन और क्राइम स्टोरी ने खबर प्रकाशित की थी। इस पर पत्रकारों के खिलाफ केंद्र सरकार ने राजद्रोह और गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज कर दिया था।
पत्रकार मुकदमे के खिलाफ हाईकोर्ट गए तो हाईकोर्ट ने पत्रकारों के खिलाफ दायर मुकदमे को तो समाप्त कर दिया था लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस रविंद्र मैठानी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे।
भाजपा की झारखंड इकाई के प्रभारी रहने के दौरान वहां गौ सेवा आयोग के प्रमुख के तौर पर एक व्यक्ति की नियुक्ति के लिए कथित तौर पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पैसों का लेनदेन किया था।
हालांकि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इन आरोपों से इनकार किया है। सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर एस रेडी की पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है पीठ ने अपने आदेश में कहा कि मामले को फरवरी के अंतिम सप्ताह के लिए सूचीबद्ध किया जाए और इस बीच अतिरिक्त दस्तावेज़ पेश करने की भी छूट दी जाती है।