पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

हाईकोर्ट: सरकार के फैसले पर सहमति। कई हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट कम्पनियों की याचिका खारिज

February 14, 2021
in पर्वतजन
ShareShareShare
Advertisement
ADVERTISEMENT

सरकार के फैसले पर सहमति। कई हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट कम्पनियों की याचिका खारिज

रिपोर्ट- कमल जगाती
नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के जल विद्युत उत्पादन पर वाटर टैक्स लगाए जाने सम्बन्धी एक्ट को सही ठहराते हुए इसके खिलाफ कई हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट कम्पनियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया है। वर्ष 2016 में उच्च न्यायालय ने उक्त एक्ट के क्रियान्वयन में रोक लगाई थी। न्यायालय के इस आदेश से राज्य सरकार को राहत मिली है, लेकिन हाइड्रो पावर कम्पनियों और उत्तर प्रदेश विद्युत निगम ने इस आदेश के खिलाफ डबल बेंच में अपील करने का निर्णय लिया है। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ में पूर्व में ही पूरी हो चुकी थी, जबकि न्यायालय ने 12 फरवरी को ये महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।

अधिवक्ता जितेंद्र चौधरी ने बताया कि, मामले के अनुसार राज्य बनने के बाद उत्तराखण्ड सरकार ने राज्य की नदियों में जल विद्युत परियोजनाएं लगाए जाने के लिए कई कम्पनियों को आमंत्रित किया और उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश और जलविद्युत कम्पनियों के बीच करार हुआ। इसमें तय हुआ कि, कुल उत्पादन की 12 प्रतिशत बिजली उत्तराखण्ड को निशुल्क दी जाएगी। जबकि शेष बिजली उत्तर प्रदेश को बेची जाएगी। लेकिन वर्ष 2012 में उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखण्ड वाटर टैक्स ऑन इलैक्ट्रिसिटी जनरेशन एक्ट बनाकर जल विद्युत कम्पनियों पर वायर की क्षमतानुसार 2 से 10 पैसा प्रति यूनिट वाटर टैक्स लगा दिया। जिसे अलकनन्दा पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, टी.एच.डी.सी., एन.एच.पी.सी., स्वाति पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, भिलंगना हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट, जय प्रकाश पावर वेंचर प्राइवेट लिमिटेड आदि ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी।

न्यायालय ने इन याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि, विधायिका को इस तरह का एक्ट बनाने का अधिकार है। यह टैक्स पानी के उपयोग पर नहीं बल्कि पानी से विद्युत उत्पादन पर है, जो संवैधानिक दायरे के भीतर बनाया गया है। एकलपीठ ने याचिकाकर्ता कम्पनियों के पक्ष में 26 अप्रैल 2016 को जारी अंतरिम रिलीफ आर्डर को भी निरस्त कर दिया, जिसमें राज्य सरकार द्वारा इन कम्पनियों को विद्युत उत्पादन जल कर की करोड़ों रुपये के बकाए की वसूली के लिए नोटिस दिया था।


Previous Post

अपराध: कोतवाली क्षेत्र में एक रात में तीन दुकानों में चोरी

Next Post

पर्यटन मंत्री की विधानसभा में पम्पिंग पेयजल योजना ठप। पानी की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीण

Next Post
पर्यटन मंत्री की विधानसभा में पम्पिंग पेयजल योजना ठप। पानी की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीण

पर्यटन मंत्री की विधानसभा में पम्पिंग पेयजल योजना ठप। पानी की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीण

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • फर्जीवाड़ा: दून में निरस्त राशनकार्ड पर बने 9,428 आयुष्मान कार्ड। करोड़ों की चपत
  • बड़ी खबर: 50 वर्षों बाद निर्विरोध प्रधान चुने गए चंद्रप्रकाश कोठियाल। ग्रामीणों का मिला भरपूर समर्थन
  • बड़ी खबर: नाबालिग की संदिग्ध मौत पर बवाल। जांच की मांग को लेकर भारी प्रदर्शन, पुलिस से भिड़ंत..
  • श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में उमडे़ सहसपुरवासी
  • बड़ी खबर: पहले देश सेवा अब गांव सेवा करेगी रिटायर्ड IPS विमला गुंज्याल
  • Highcourt
  • इनश्योरेंस
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
July 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
« Jun    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!