मनी लॉन्ड्रिंग का मतलब काले धन को सफेद करने से होता है|अर्थात देश के आधारभूत विकास में अपनी सहभागिता ना निभाना।
हाल ही में उत्तराखंड में मनी लॉन्ड्रिंग का बहुत बड़ा मामला सामने आया है| जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पूर्व औद्योगिक सलाहकार केएस पवार की पत्नी और भतीजे की कंपनी सोशल म्यूच्यूअल बेनिफिट्स का नाम सामने आया है|
पत्रकार उमेश कुमार ने कुछ दस्तावेजो के साथ पूर्व सीएम के सलाहकार पर मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगाए है कि, सोशल म्यूच्यूअल बेनिफिट्स कंपनी ने 300 से 350 करोड़ का घोटाला मनी लॉन्ड्रिंग के द्वारा किया है|
इसमें इन्होंने उत्तराखंड के २ लाख से २,५०,000 लोगों के नाम से कंपनी में पैसा निवेश कर दिया | लेकिन जिनके नाम पर निवेश किया गया उन्होंने कभी ऐसे किसी कंपनी का नाम तक नहीं सुना, न ही इसा कोई निवेश किया है |
आपको बता दें कि,RBI ने उत्तराखंड प्रशासन को ऐसे कंपनियों की जांच करने के लिए लिखा था और तब बताया गया कि, इन कंपनियों कि जांच STF करेंगी लेकिन इसे किसी भी जाँच का कोई पता नहीं है।
कुल मिलाकर इतने बड़े संवेदनशील मुद्दे पर जांच प्रक्रिया की धीमी गति शंका का विषय बनी हुई है। आखिर सरकार क्यों इस प्रकरण पर मौन है। जब इस विषय में पर्वत जन संवाददाता ने केएस पवार से बात करनी चाही तो के एस पवार ने इस विषय पर पर कोई जवाब नहीं दिया ।