रिपोर्ट / गिरीश चंदोला थराली
नारायणबगड़ –
असेड सिमली मोटर मार्ग बदहाल !एक और जहाॅ सरकार द्वारा ग्रामीण क्षे़त्रों को सड़क सुविधा से जोड़ने हेतु प्राथमिक रूप से कार्य किया जा रहा है| वही विभागीय अधिकारी मिलकर सरकार के इस कार्य पर पलीता लगा रहे है व ग्रामीण क्षे़त्रों में कार्यदायी संस्थाओं द्वारा निम्न गुणवत्ता व मानक विहिन कार्यो से ये सड़क मार्ग भ्रष्टाचार की भेट चढते जा रहे है| जिसका एक उदाहरण नारायबगड विकास खण्ड का नारायण बगड- चोपता मोटर मार्ग है जहाॅ पर कई बार ग्रामीणों द्वारा कार्य की निम्न स्तरिय गुणवता व कार्यों के बारे में विभाग से शिकायत कर चुके है| लेकिन विभाग व ठेकेदार का गठजोड़ इस प्रकार है कि, ग्रामीणों की शिकायतों को अनदेखा किया जा रहा है ।
ग्रामीण संजय मेहरा के अनुसार नारायणबगड़ -चोपता मोटर मार्ग जो कि 24 किमी है| इस मोटर मार्ग पर कार्यदायी संस्था पीएमजीएसवाई द्वारा सुधारीकरण तथा डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है| जिस पर कि,विभाग द्वारा 18 करोड़ रू0 का इस्टीमेट रखा गया| जिसे पुनः बढाया गया है लेकिन इस मोटर मार्ग की गुणवत्ता बहुत ही निम्नस्तरीय है यहां न तो डीपीआर के अनुसार कार्य कराया जा रहा है| वही बिटमिन, कलवट क्वालटी, व सुपर एलिवेशन व काॅजवे में मानकानुसार काम नहीं हो रहा है, ना ही कोई डंपिंग जोन बनाया गया है|
जबकि इसकी शिकायत जिलाधिकारी से भी की जा चुकी है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है ।वही सरपंच संगठन अध्यक्ष नारायण बगड़ भगवती प्रसाद सती के अनुसार विभाग द्वारा घटिया स्तरीय कार्य कराये जाने के साथ साथ रेत के स्थान पर लोकल कोरेशन लगाया जा रहा है जिसकी अति शीघ्र जांच होनी चाहिये।
वही सरपंच हीरा सिंह जदोडा व सामाजिक कार्यकर्ता भूपेन्द्र सिंह मेहरा के अनुसार प्रयोग किये गये मटेरियल की गुणवत्ता निम्न स्तरीय है एक ओर जहाँ रेत के स्थान पर स्थानीय मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है| वही दिवालों व कंकरिट में घटिया पत्थरों का प्रयोग किया जा रहा है| कई बार अधिकारियों व कर्मचारियों से इस सम्बन्ध में शिकायत किये जाने के बाद भी गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हो रहा है ।ग्रामीणों के अनुसार यदि विभाग द्वारा यथाशीघ्र कार्यवाही नहीं की जाती है तो वे आन्दोलन के साथ – साथ माननीय न्यायालय में भी उपरोक्त सम्बन्ध में रिपोर्ट दायर करेंगे।
वही इस सम्बन्ध में पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता प्रमोद गन गाड़ी से टेलीफोन पर जानकारी लेने की कोशिश की | लेकिन उन्होंने फोन उठाना उचित नहीं समझा इससे यह पूरा मामला साबित होता है कि, जब विभाग के अधिकारी ही मीडिया कर्मियों का फोन ना उठाते हो तो जनता का फोन उठाने में भी यह अनदेखी करते है| जनता विभाग पर शिकायत करें तो किस से करें।