उत्तराखंड के लगभग सभी प्रमुख शहरों के अस्पताल ईएसआई का भुगतान ना मिलने के कारण ठप होने की कगार पर है। ईएसआई की ओर से भुगतान ना किए जाने के कारण कई अस्पतालों ने अपनी ओपीडी भी बंद कर दी है। इन अस्पतालों में कई अस्पताल ऐसे भी है,जो एमएसएमई के दायरे में आते हैं। हालांकि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ हफ्तों पहले ही निर्देश दिए थे कि एमएसएमई के दायरे में आने वाली इकाइयों का बकाया भुगतान जल्द से जल्द किया जाएगा। बावजूद इसके ईएसआई अस्पतालों का करोड़ों रुपए का भुगतान रोके हुए है।
प्रदेश के लगभग सभी प्रमुख शहरों के अस्पताल ईएसआई का भुगतान ना मिलने के कारण ठप होने की कगार पर है। इनमें जौली ग्रांट का हिमालयन अस्पताल, हल्द्वानी के 4 अस्पताल बृजलाल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, कृष्णा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, बॉम्बे हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, साईं हॉस्पिटल और हरिद्वार का मेट्रो हॉस्पिटल, भूमा अस्पताल आदि शामिल हैं। हरिद्वार के मेट्रो हॉस्पिटल ने मरीजों के लिए ओपीडी बंद कर दी है।
ईएसआई यानी कर्मचारी राज्य बीमा निगम का भुगतान लटक जाने के कारण उत्तराखंड के कई छोटे-बड़े अस्पतालों का संचालन ठप होने की कगार पर है। अस्पतालों का ईएसआई पर लगभग 100 करोड़ रुपये बकाया है। जिसके चलते अस्पताल प्रबंधन के सामने कर्मचारियों का वेतन और अन्य खर्च वहन करना मुश्किल हो रहा है। श्रम मंत्री ने सप्ताह भर भुगतान करने की बात कह रहे है।हालांकि श्रम मंत्री हरक सिंह रावत के अनुसार 70 करोड़ रुपए जल्द से जल्द भुगतान करने का अधिकारियों को आदेश दिया गया है। अस्पतालों के बिल प्राप्त हो गए हैं।