रिपोर्ट/नीरज उत्तराखंडी
उत्तरकाशी:
स्वास्थ्य के प्रति गंभीर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित सभी कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की। जिलाधिकारी ने मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर की विस्तृत समीक्षा की। विगत वर्ष जनपद में हुई मातृत्व,शिशु मृत्यु दर को लेकर बाल रोग विशेषज्ञ एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ के दोनों डॉक्टरों को बैठक में बुलाकर मृत्यु दर के कारणों को पूछा गया तथा विस्तृत विचार विमर्श किया गया। भविष्य में सेवा में सुधार कर मातृत्व- शिशु मृत्यु दर को लेकर डॉक्टरों की भी जिम्मेदारी तय की गई।
एमओआईसी पीएचसी डुंडा द्वारा मातृत्व शिशु मृत्यु दर की आडिट नही करने पर जिलाधिकारी ने उन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि दी है। तथा अपर चिकित्सा अधिकारी यमुना वैली द्वारा पीएससी मोरी एवं सीएचसी पुरोला के विभाग एवं क्षेत्रीय कार्यों की जानकारी नही होने पर माह मार्च का वेतन रोकने के निर्देश दिए। वहीं मेंटल हेल्थ काउंसलर एवं राष्ट्रीय तंबाकू उन्मूलन कार्यक्रम के दोनों काउंसलर द्वारा कार्यक्रम के तहत किये जा रहे कार्यों की जानकारी नहीं देने पर कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि, गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत पंजीकरण किया जाए। तथा जनपद में गर्भवती महिलाओं की कतई भी मृत्यु न हो इस हेतु उनकी नियमित जांच व टीकाकरण कराने के साथ ही समयान्तर्गत कैल्शियम आदि जरूरी दवाई देने के निर्देश दिए। प्रसव होने से पूर्व गर्भवती महिलाओं को सीएचसी व जिला चिकित्सालय में भर्ती कराने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने यमुना वैली वैली के सुदूरवर्ती क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं का संस्थागत प्रसव पर जोर दिया। गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण,आवश्यक जांच व प्रसव मोरी,पुरोला,नौगांव के अलावा डामटा व राणा चट्टी पीएचसी में भी हो इस हेतु वहां महिला डॉक्टर के साथ ही स्टाफ नर्स की तैनाती करने के निर्देश सीएमओ को दिये।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिये है कि स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही कतई भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी इस हेतु अगली बैठक में प्रगति लाना सुनिश्चित करें। बैठक में सीएमओ डॉ डीपी जोशी, डॉ वीके विश्वास, डॉ सुजाता, आशा कोर्डिनेटर सीमा,सहित एमओआईसी उपस्थित रहे।