रिपोर्ट: मो० हनीफ रजा, सितारगंज
सितारगंज बाराकोट रेंज क्षेत्रान्तर्गत वन विभाग व माफियाओं की सांठगांठ से अवैध लकड़ी का धंधा जोर शोर से चल रहा है।
विगत दिनों बाराकोट रेंज से सटे जंगल में अवैध लकड़ी की कटान की सूचना पर रेंजर ने छापा मारा । जिसमें अवैध वन कटान में लिप्त गिरोह के एक सदस्य को पकड़ लिया था बाकी फरार हो गए। पकड़े गए आरोपी की सूचना पर बाराकोट वन विभाग के बैरियर से लगे , पंडरी गांव के कुछ मकानों में रेंजर ने टीम सहित छापा मारा । जहां उन्हें आरे से कटी हुई कीमती लड़कियां बरामद हुई।
रेंजर ने मकान से लकड़ी को बरामद किया और जिस आरोपी को जंगल से पकड़ कर लाये थे उसे चौकी में बिठाए रखा।
एक ट्रैक्टर ट्राली में अवैध रूप से काटी लकड़ियों को भी ट्रैक्टर सहित पकड़ा था।
इस संवाददाता ने जब इस प्रकरण की जानकारी रेंजर डिमरी से मालूम करनी चाही तो वह टाला मटोली करने लगे व एसडीओ के आने पर ही कुछ बताने की बात कही।
बहुत समय गुजर जाने के बाद भी उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी, पकड़े गए आरोपी को छोड़ दिया गया था।
इस बारे में sdo से बात करने की कोशिश की तो उनका फोन नॉट रिचेबल जा रहा था।
रेंजर से बाद में पुनः फोन पर बात की तो उन्होंने बताया, पकड़ी गई ,लकड़ी यूकेलिप्टस की थी। आरोपी का चालान काट कर जुर्माना वसूल कर लिया गया है। ट्रैक्टर ट्रॉली की लकड़ियां जब्त ट्रॉली का जुर्माना काटा गया है।
जबकि हकीकत कुछ और ही है ।मकान से बरामद सागौन की कीमती लकड़ियों को यूकेलिप्टस की लकड़ी बताकर गुमराह किया जा रहा है। ट्रैक्टर ट्रॉली की लड़कियां कहां गई?
जंगल में पकड़े आरोपी को जेल भेजने के बजाय फरार करवा दिया गया? इससे साफ जाहिर है कि बाराकोट रेंज के अंतर्गत सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। वन विभाग की मिलीभगत से जंगल में चोरी से कीमती लकड़ियां काटकर, पंडरी गांव के मकानों में छिपा दी जाती हैं और आवश्यकतानुसार छोटे गिल्टों और फ्रेम में रूप में परिवर्तित कर मोटा मुनाफा लेकर उन्हें बाजार में सप्लाई कर दिया जाता है। यदि पूंडरी गांव के मकानों में छापेमारी की जाय तो बड़ी मात्रा में कीमती लकड़ी बरामद हो सकती है।
इस प्रकरण के बारे में जब दुबारा क्षेत्र के sdo शिव राज चंद से जानकारी चाही तो उन्होंने इस बारे में संज्ञान न होने , वनाग्नि रोकथाम में व्यस्त रहने व मामले की जांच की बात कही।
देखना यह है कि एसडीओ श्री चंद इस मामले की निष्पक्ष जांच करते हैं या फिर जांच की नाम पर लीपा पोती की जाती है।