इंद्रजीत असवाल
पौड़ी गढ़वाल
जिलाधिकारी गढ़वाल की अध्यक्षता में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत बालिकाओं को प्रोत्साहन देने के लिए ‘घौर की पछयाण नौनी कु नौ’ कार्यक्रम का विधिवत् दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया|
संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह पौड़ी में आज जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत बालिकाओं को प्रोत्साहन देने के लिए ‘घौर की पछयाण नौनी कु नौ’ कार्यक्रम का विधिवत् दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम में बालिकाओं की उनकी नाम से बनाई गई नेम प्लेट तथा बालिकाओं को वैष्णवी किट वितरित किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि कार्यक्रम को संचालित किए जाने का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। उन्होने जनपद के शिशु लिंगानुपात को दृष्टिगत रखत हुए कहा कि लागों में जागरूकता लाते हुए सुधार की आवश्यकता है जिसके लिए विद्यालयों में बालिकाओं की शिक्षा पर भी जोर देने की आवश्यकता है।
साथ ही कहा कि, स्वस्थ जीवन के लिए अच्छा पोषण मिलना आवश्यक है और सभी को ध्यान रखना है कि अच्छा पोषण जन्म की पहले दिन से ही दिया जाए। कहा कि इस कार्यक्रम को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य समाज में फैले भेदभाव को समाप्त करने की अवधारणा से है। अभिभावकों का कर्तव्य है कि, बच्चों को अच्छा पोषण देने के साथ-साथ उन्हें अच्छे संस्कार भी दे।
जिलाधिकारी डा0 जोगदण्डे ने ‘घौर की पछ्याण नौनी कु नौ’ कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि, इस तरह के अभिनव कार्यक्रमों से समाज में फैले भेदभाव को दूर किया जा सकता है। जनपद में विभिन्न योजनाओं के तहत आशा कार्यकत्री, आंगनवाड़ी केंद्र, गर्भवती महिलाओं और बच्चों का परीक्षण करने के साथ उन्हें पोषण किट भी उपलव्ध कराते है किंतु संसाधनों के अभाव में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को सम्पूर्ण लाभ नहीं मिल पाता है।
उन्होंने ने संबंधित विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि आंगनबाड़ियों में खून की जांच की सुविधा दी जाए, जिसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाए। उन्होंने कहा कि, बालिकाओं की शिक्षा पर सभी को जोर देना चाहिए, जितना महत्वपूर्ण बालक है उतनी ही महत्वपूर्ण बालिका भी है। कहा कि, आज हर विकासखंड में इस तरह के आयोजन किए जा रहे हैं जिसमें प्रत्येक विकासखंड में कम से कम हजार नाम पट्टिका बालिकाओं के नाम से लगाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि, आवश्यक नहीं है कि बालिका के नाम पर ही नाम पट्टिका लगाई जाए। यह घर की माता, बहन और अन्य महिला के नाम से भी हो सकती है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संपूर्ण पोषण को गर्भवती महिलाओं तथा बच्चों तक पहुंचाना है। जिसके लिए सभी रेखीय विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने विद्यालयों में बालिकाओं की शिक्षा पर भी जोर देने की बात कही।
नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम ने अपने संबोधन में जिला प्रशासन की इस मुहिम को सराहनीय बताया कहा कि यह कार्यक्रम जनपद में ही नहीं अपितु पूरे राज्य तथा देश भर में चलाया जाना चाहिए। कहा कि आज की दौर में बेटियों की संरक्षण सभ्य समाज के लिए अग्रेसित करता है। आधुनिक दौर में बेटियां बेटों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर आगे बढ़ रही है। हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहा है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य समाज में फैली गलत अवधारणा को दूर से है जिसमें बेटियों को बेटो से अलग समझा जाता है।
इस तरह के आयोजित कार्यक्रम कर बालिकाओं का उत्थान किया जा सकता है ऐसा नहीं किया जाना चाहिए कि बालिकाओं के नाम से पट्टी का लगा दी और हो गया इसके बाद भी सकारात्मक कार्य कर बालिकाओं के उत्थान के लिए कार्य किए जाने चाहिए। जिससे समाज में एक अच्छा संदेश जाएं। आयोजित कार्यक्रम में सहायता स्वयं सहायता समूहों की ओर से रंगा रंग सांस्कृतिक कार्यक्रम किए गए।
जिलाधिकारी सहित उपस्थित गणमान्य द्वारा अवंतिका, सीमा, पूजा, सहित सात बालिकाओं को वैष्णवी किट तथा नाम पट्टिका वितरण की।
इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष पौड़ी यशपाल बेनाम सीएमएस पौड़ी रमेश राणा समाज कल्याण अधिकारी पौड़ी सुनीता अरोड़ा सहित अन्य तथा मंच का संचालन रमन पोली ने किया।