रिपोर्टर :—हनीफ रजा
उत्तराखंड के जिला ऊधम सिंह नगर की तहसील सितारगंज में नवनियुक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रथम बार गृह जनपद आगमन पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया। धामी ने बड़े काफिले के साथ रोड शो किया ।
इस मौके पर किसानों ने काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन चंडूनी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष गुरसेवक सिंह मोहार एवं बरेली युथ ब्रिगेड के प्रेसिडेंट हरपाल सिंह ने बताया की पिछले कई महीनों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे है लेकिन सरकार के ऊपर इसका कोई असर नहीं हुआ है।
सरकार किसान को ख़त्म करने पर तुली हुई है। सरकार सिर्फ कॉर्पोरेट घरानों को आगे बढ़ाने पर लगी हुई है। यह सरकार हर तरह से असफल हुई है। किसान की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने से सरकार मना कर रही है उसके बारे में कोई भी बात करने को राज़ी नहीं है।
किसानों का कहना है की जब तक तीनों काले कानून रद्द नहीं हो जाते एवं एम एस पी गॉरन्टी का कानून नहीं बन जाता तब तक यह आंदोलन खत्म नहीं होगा।
वही सीएम धामी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रथम बार अपने गृह जनपद पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने जो सम्मान दिया है, इसके लिए सभी कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट करता हूं ।
सबका साथ सबका विकास नारे के साथ प्रदेश की सरकार चलेगी हमारी सरकार का उद्देश्य समाज के अंतिम पंक्ति मैं बैठे हुए व्यक्ति तक पहुंचना है ।
इस दौरान गुजरात मार्बल्स के कुछ बच्चों ने भी इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरसेवक सिंह को एक ज्ञापन भी सौपा जिसमें उन्होंने लिखा की इन काले कानूनों के खिलाफ वे लोग बाल अनशन पर बैठेंगे जिसमें उन्होंने सभी से सहयोग की आशा जताई है।
सभी किसान सितारगंज मंडी स्थल से काले झंडे लेकर एवं सरकार विरोधी नारे लगाते हुए मेन हाईवे पर उतर आये जहाँ पर भारी पुलिस बल ने किसानों को रोकने की कोशिश की। काफ़ी देर नोकझोंक के बाद किसानों को गिरफ्तार करके किसी अन्य जगह भेज दिया गया।
सैकड़ो की संख्या में किसानों ने गिरफ्तारी दी।किसान कई महीनों से अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे है अभी दो दिनों से किसानों ने दिल्ली में किसान ससंद भी लगानी शुरू कर दी है जिसमें इन बिलों के बारे में चर्चा की जाती है एवं उनकी खामियों के बारे में बताया जाता है लेकिन सरकार अपनी बात पर अडिग है और किसानों की कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं है।
इस विरोध प्रदर्शन में बहेड़ी और उत्तराखंड के किसानों ने बहुत बड़ी संख्या में हिस्सा लिया उनका मानना है की आज अगर हमने ये लड़ाई नहीं लड़ी तो हमारी आने वाली पुश्ते कॉर्पोरेट की गुलाम हो जाएंगी।
इस मौके पर किसान नेता गुरसेवक सिंह मोहार, जसविंदर सिंह बरार, हरपाल सिंह नागरा, विक्रम सिंह देओल, हरजिन्दर सिंह संधु, ओमकार सिंह, मनदीप सिंह, बबलू ढिल्लों, गुरपेज सिंह, सोनू विर्क, सिंदर सिंह आदि मौजूद रहे ।