स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अपनी एक माह की बच्ची की हत्या करने में जेल की सजा काट रही माँ की जमानत प्रार्थना को यह कहकर निरस्त कर दिया है कि यह एक जघन्य अपराध है।
मामले के अनुसार 16 दिसम्बर 2019 को बच्ची के घरवालों की तरफ से खटीमा थाने में एक गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसमें कहा गया था कि, उनकी एक माह की बच्ची घर से गायब हो गयी है, उसे ढूंढा जाये।
पुलिस के जाँच करने पर पाया कि बच्ची की हत्या कर नाले में डाल दिया गया है। गवाहों से पूछने पर पता लगा कि बच्ची की हत्या उसकी माँ निशा उर्फ नगमा ने ही की है और सह अभियुक्त की मदद से उसका शव नाले में फेंक दिया है।
निचली कोर्ट ने उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत होने के कारण माँ की जमानत अर्जी को निरस्त कर दिया था, जिसके खिलाफ अपनी जमानत के लिए उसने उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया । न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने जमानत याचिका को निरस्त कर दिया है ।