ह्यूमन राइट्स एंड आरटीआई एसोसिएशन ने कुछ माह पूर्व नवाबगढ़ ग्राम सभा के डॉक्टर गंज क्षेत्र की संजय थापा के घर से गुलशन नंदा के घर तक की सड़क का मामला उठाया था, जिसका भीम दत्त शर्मा नामक ठेकेदार के नाम 8 लाख 34 हजार 7 सौ रुपए का बांड किया गया था, मगर मौके पर सड़क के नाम पर बजरी का एक दाना तक नहीं पाया गया था l
एसोसिएशन के महासचिव भास्कर चुग ने इस मामले की आरटीआई के अंतर्गत आगे और जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि इस सड़क के लिए बिना किसी काम के 2.40 लाख का भुगतान भी जिला पंचायत द्वारा किया गया है और आश्चर्यजनक रूप से इसी सड़क का दोबारा 1 साल बाद एक अन्य ठेकेदार के नाम बांड कर दिया गया l
इसी प्रकरण में जब एसोसिएशन के महासचिव भास्कर ने जिला पंचायत से इस कार्य का भौतिक निरीक्षण स्थलीय रूप से कराने की मांग की थी l इसी प्रकरण में जब आज जिला पंचायत के जेई सचिन त्रिपाठी एवं त्रिलोक सिंह भंडारी जी स्थलीय निरीक्षण कराने पहुंचे तो भास्कर चुग, एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद शर्मा, जिला पंचायत सदस्य धीरज बॉबी नौटियाल, ग्राम पंचायत सदस्य विनय जायसवाल, स्थानीय निवासी संजय थापा, दानिश , उषा अग्रवाल, देविका, नेहा, रमा गुप्ता, रीता चौहान, दानिश आदि ने जिला पंचायत के अधिकारियों को वास्तविक रूप से मौके का अवलोकन कराया l
स्थलीय अवलोकन के बाद जिला पंचायत के अधिकारी जेई त्रिलोक सिंह भंडारी ने एसोसिएशन महासचिव भास्कर चुग को बकायदा लिख कर दिया कि कोई स्थल में कार्य नहीं हुआ है l
एसोसिएशन महासचिव भास्कर चुग ने इस मौके पर अधिकारियों से सवाल पूछे कि जब कार्य हुआ ही नहीं तो आखिर ठेकेदार को बिना कार्य किए दो लाख ₹40 हज़ार का पेमेंट किस आधार पर जिला पंचायत द्वारा कर दिया गया?
जिला पंचायत एक्ट में प्रावधान है कि यदि कोई कार्य चल रहा है तो उसका रनिंग पेमेंट जितना कार्य हुआ है उसका 90 % तक किया जा सकता है l परंतु इस प्रकरण में तो एक परसेंट भी कार्य नहीं हुआ है फिर भी ₹240000 का पेमेंट किस अधिकारी की संस्तुति पर किस अधिकारी ने किया यह बहुत बड़े भ्रष्टाचार का मामला है l
भास्कर चुग ने कहा कि सवाल यह है कि जब कार्य हुआ कि नहीं तब जब एक ठेकेदार को पेमेंट कर दिया गया तो आखिर अगले वर्ष दूसरे ठेकेदार के नाम इसी कार्य का बांड आखिर जिला पंचायत में कैसे कर दिया?
एसोसिएशन महासचिव भास्कर चुग ने कहा कि इस प्रकरण की शिकायत ह्यूमन राइट्स एंड आरटीआई एसोसिएशन ने मुख्य विकास अधिकारी देहरादून को मार्च माह में की थी एवं मुख्य विकास अधिकारी ने डीपीआरओ को जांच अधिकारी बनाते हुए 1 सप्ताह में जांच करने की हिदायत दी थी l परंतु आश्चर्यजनक रूप से 5 महीने बीत जाने के बाद भी जिला पंचायत राज अधिकारी जितेंद्र ने इस प्रकरण की अभी तक कोई जांच नहीं की है l अधिकारियों के इस रवैया के कारण भ्रष्टाचार लगातार बढ़ता जा रहा है l
भास्कर चुग ने कहा कि यदि 3 दिन के अंदर जिला पंचायत राज अधिकारी प्रकरण में जांच रिपोर्ट नहीं सौंपते तो जिला पंचायत राज अधिकारी सहित सभी जिला पंचायत के सभी ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध जिन्होंने बिना कार्य के ठेकेदार को 2.40 लाख का पेमेंट किया, एसोसिएशन पहले मुख्य सचिव को शिकायत करेगी और यदि तब भी इसमें कड़ी कार्यवाही नहीं होती तो एसोसिएशन माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के समक्ष जनहित याचिका दायर करने को बाध्य होगी l