स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड में नैनीताल के खैरना से कई गांवों को जोड़ने वाले पैदल मार्ग में पहाड़ी की दरारें आने जाने वाले लोगों को मौत को दावत दे रही है ।
इस मार्ग में बरसात के दौरान बड़े बड़े पत्थर गिरते हैं इसलिए स्कूली बच्चे घर पर ही रखना पसंद करते हैं।
अब ग्रामीण सरकार से इस मार्ग को सुरक्षित बनाने की मांग कर रहे हैं । राहगीर इस जगह से सचेत होकर ईश्वर का नाम लेकर से पार करते हैं ।
नैनीताल जिले में अल्मोड़ा मार्ग के खैरना से मझेड़ा समेत कई गांवों को जोड़ने वाले पैदल मार्ग के हाल, आप फोटो में साफ देख सकते हैं । खैरना पुल के सामने की पहाड़ी में बरसात के कारण मोटी मोटी दरारें पड़ गई हैं, जिससे पत्थरो और बोल्डरों के गिरने का खतरा पैदा हो गया है और आने जाने वाले ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को डर के आना जाना पड़ता है।
थोड़ा सा बरसात होने के बाद दरारों वाली इस जगह से बड़े बड़े पत्थर और मलुवा गिरता है । इसी मार्ग से मझेड़ा, डोबा, चुवारी, व्यासी, आमटुनौली, कुजोली, बिछना गांव के सैकड़ों लोग अपने जरूरी कामों के लिए आते जाते हैं ।
यहां से स्कूली छात्र छात्रा, बीमार, छोटे छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, सब्जी और फल लेकर कास्तकार आते जाते हैं । पिछले दिनों हुई बरसात के बाद पहाड़ी दरकने से पैदल मार्ग श्रतिगस्त हो गया । ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से मार्ग ठीक कराया और दोबारा आवाजाही के लिए चलने लायक बनाया।
सरकार की बेरुखी को देखते हुए ग्रामीणों ने सरस्वती शिशु विद्या मन्दिर के परिसर में एकत्रित होकर शासन के खिलाफ नारेबाजी कर पहाड़ी में शीघ्र सुरक्षात्मक उपाय करने की मांग की। स्कूली बच्चों ने भी आने जाने में खतरा महसूस होने की बात कही ।
इसी मार्ग से ग्रामीण राशन और दूसरे जरूरी सामान लेकर गांव जाते हैं जिन्हें हर समय मौत का डर सताता है । दरार वाली इस पहाड़ी को सुरक्षित पार करने के लिए लोग चौकन्ने होकर भगवान का नाम लेकर पार करते हैं ।