स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने आज झबरेड़ा के विधायक देशराज कर्णवाल द्वारा जातिवादी गालियां और आपराधिक धमकी के आरोपियों को राहत देते हुए न केवल उनके खिलाफ दर्ज एफ.आई.आर.को निरस्त किया है बल्कि चार्जशीट को भी निरस्त कर दिया है ।
न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने 3 सितंबर को एक आदेश जारी कर पंकज चौधरी व अन्य को राहत दी है । याचिकाकर्ता पंकज चौधरी व अन्य पर एस.सी.एस.टी.एक्ट के अलावा 147,153ए, 504, 50 आई.पी.सी.लगाई गई । ये शिकायत झबरेड़ा के विधायक देशराज कर्णवाल ने 19 मई 2021 को झबरेड़ा थाने में शिकायत दर्ज करते हुए मुकदमा दर्ज कराया था ।
शिकायतकर्ता ने कहा कि उन्होंने प्राइमरी हैल्थ सेंटर(पी.एच.सी.)का सवेरे दौरा किया । इस दौरान पंकज व चार अन्य लोग वहां पहुंचे और वीडियो बनाने लगे । इन्होंने विधायक को धमकाते हुए जान से मारने की धमकी दी । उन्होंने चम्मार गिततल कहते हुए विधायक देशराज को अपमानित किया ।
उन्होंने कहा कि तुम गुज्जरों के खिलाफ काम कर रहे हो और हमने तुम्हें जिताकर गलती करी है । इसपर विधायक की तरफ से एफ.आई.आर.आने के बाद जांच करते हुए चार्जशीट दायर की गई और आरोपियों पर शिकंजा कसता गया । इसके बाद पंकज चौधरी व अन्य एफ.आई.आर.और चार्जशीट को क्वेश(खत्म)करने की प्रार्थना लेकर उच्च न्यायालय पहुंचे ।
सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने कहा कि वीडियो फुटेज के आधार पर ये आरोप कहीं से भी सही नहीं कहे जा सकते हैं । एकलपीठ ने पंकज चौधरी व अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए विधायक देशराज कर्णवाल की एफ.आई.आर.और पुलिस जांच के बाद चार्जशीट समेत जिला एवं सत्र न्यायालय के संज्ञान को भी क्वेश कर दिया है ।