रिपोर्ट :- हर्षमनी उनियाल
जैसा की आपको पता ही है कि शासन प्रशासन द्वारा भारी बारिश के मध्यनजर अलर्ट जारी किया गया है।
ऐसे हालात के मध्यनजर भी अपने घरों से निकलकर धरना करने के बाध्य हुए है, आंगनबाड़ी कार्यकत्री,सहायिका और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां ।
प्रथम केदार बेलेश्वर धाम में क्षेत्र के विभन्न हिस्सो से पहुंची आंगनबाड़ी कार्यकत्री,सहायिका और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों जमकर गरजी।
ऐसे मौसम में भी अपने घरों से निकलकर धरना और मीटिंग कर रहे है और ऐसे में उन्होंने सरकार को जमकर कोसा और वादाखिलाफ़ी का आरोप लगाया।
सरकार की नीतियों के खिलाफ सभी पहुंची कर्मियों ने जमकर नारेबाजी की और अपना गुस्सा निकाला ।
सभी ने एक स्वर में कहा कि जब 17 सितंबर 21 उत्तराखंड विधानसभा को कैबिनेट मंत्री बालविकास उत्तराखंड की अध्यक्षता में मानदेय बढ़ोतरी , टीएचआर , महालक्ष्मी किट, एवं फोटो पहचान पत्र कार्य(बी एल ओ) , स्वास्थ्य विभाग का टीकाकारण आदि विषयों पर सकारात्मक निर्णय हुआ था, जिसमे सचिव बालविकास एवं शासन स्तर के सभी विभागीय अधिकारी एवं विभिन्न आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जनपद एवं प्रादेशिक स्तर की नेत्री एवं पदाधिकारी उपस्थित रही थी।
किंतु अब एक माह के समय बीतने के बाद और सरकार द्वारा दो बार की कैबिनेट बैठक हो चुकी है और ऐसे में कोई भी सकारात्मक फैसला आंगनबाड़ी कर्मियों के हित में ना होने इस बात को दर्शाता है कि सरकार आंगनबाड़ी कर्मचारियों के मांगो पर गंभीर नहीं है।
आंगनबाड़ी कार्यकत्री श्रीमती लक्ष्मी बिष्ट ने मीडिया का धन्यवाद करते हुए कहा कि मीडिया उनकी आवाज को लगातार सरकार तक पहुंचाने का कार्य कर रही है ।
वही उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार आंगनबाड़ी कर्मियों के साथ वादाखिलाफी कर रही है।
यह एक बड़ा कारण है कि भारी बारिस के अलर्ट के चलते भी वह आज मीटिंग और धरना कर रहे है।
वही उन्होंने कहा कि अगर सरकार के पास उन्हें देने के लिए कुछ नहीं है तो उन्हें सरकार की तरफ से बढ़ाये जाने वाले 500 रुपये भी नहीं चाहिए।
वही उन्होंने ये भी बात कही की जब सरकार के पास उन्हें देने के लिए कुछ नहीं है तो वह यह पूरा कार्यक्रम ही बंद कर दे इसकी नौटंकी ना करे।
कार्यकत्री श्रीमती भुवनेश्वरी देवी ने कहा कि सरकार उनके हर मुद्दे को अनसुना कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उनकी सुन ही नहीं रही है जबकि हम लगातार अपना कार्य कर रहे और हमे सड़क पर उतरने के लिए मजबूर कर रही है।
वही लक्ष्मी बिष्ट ने कहा कि आने वाली 22 अक्टूबर 21 को देहरादून में महाशंख नाद रैली का आयोजन किया गया है अगर सरकार द्वारा उसमे भी कोई सकारात्मक निर्णय नही लेती है तो वह आने वाले चुनाव में सरकार को बदलकर रख देंगे।
लिहाजा उनकी बात सुनी जाय और स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को भी उनसे हटा कर आशा कार्यकत्रियों को दिया जाय।
आंगनबाड़ी कार्यकत्री उर्मिला बिष्ट ने मानदेय को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनसे कही बेहतर मानदेय एक मजदूरी करने वाले व्यक्ति को मिल रहा है।
उर्मिला बिष्ट का कहना था कि उन्हें सरकार से बहुत उम्मीद थी लेकिन सरकार ने उन्हें सड़क पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है।
उन्होंने सरकार की कथनी पर जमकर सवाल उठाए।
वही उन्होंने 500 रुपये की बढ़ोतरी को शर्मनाक बताया कि वह समाज के अन्य बच्चों को पोषण देते है लेकिन खुद उनके परिवार की स्थिति सही मानदेय ना मिलने के कारण कुपोषित हो चुकी है, केवल काम का बोझ तले दबाया जा रहा है।
सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को भी केवल दिखावा बताया।
लिहाजा इन सभी द्वारा आगामी 22 अक्टूबर 21 के शंखनाद कार्यक्रम के लिए तैयारी की जा रही जिसको लेकर सब कमर कस कर तैयार हो रहे है।