स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड में नैनीताल के खैरना का आपदा से टूटा रास्ता कई गांवों के लोगों के लिए मौत का रास्ता बन गया है । यहां हर रोज दर्जनों अलग अलग गांव के सैकड़ों मजबूर लोग 50 फ़ीट गहरी खाई वाले रास्ते को मुश्किलों से पार कर रहे हैं । टूटा मार्ग ऐसा की पैर फिसला तो गए 50 फ़ीट गहरी नदी में ।
नैनीताल में बेतालघाट ब्लॉक के मझेड़ा, डोबा, चुआरी, व्यासी, सिल्टोना, सीम, नौणा, बिछनाली, गजार, दड़माड़ी, जोग्याड़ी सहित दर्जनों गांव को जोड़ने वाला मार्ग बीती 18 अक्टूबर की बरसात में शिप्रा नदी के तेज बहाव में बह गया। आपदा की रात इस मार्ग और बेतालघाट को जाने वाले पुल के जोड़ को काट दिया था । इससे ये रास्ता पूरी तरह से श्रतिग्रस्त हो गया । अब गांव को आने जाने वाले इस मार्ग को इस्तेमाल करने के लिए लोग विवश हैं । इसके अलावा इन लोगों के पास कोई नजदीकी विकल्प नहीं है । यहां से महिलाएं, गर्भवती, बूढे, बच्चे समेत राशन व अन्य सामान लेकर जाने वाले लोग इसी तरह से हर रोज गुजर रहे हैं । क्षेत्र के ग्राम प्रधान कन्नू गोस्वामी का कहना है कि दो दिन पहले ही यहां किसी की मौत हो गई थी । मुसीबत में पड़े मृतक के रिश्तेदारों और संबंधियों को दोनों तरफ से बुलाकर आरपार कराया गया और अंत्येष्टि की गई। उन्होंने शिकायत करते हुए कहा कि गांव में लोगों तक राशन, पानी नहीं पहुंच रहा है । इस मार्ग के पार मौजूद सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल को बंद करा दिया गया है। उन्होंने सरकार और जिला प्रशासन से इस मार्ग को ठीक करने की मांग की है ।