स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- उत्तराखंड के नैनीताल में समान नागरिक संहिता को लेकर एक उच्च स्तरीय टीम ने ईसाई समुदाय के लोगों के अलावा बार एसोसिएशन के सदस्यों से उनके विचार जाने।
बैठक की अध्यक्षता कर रही चेयरपर्सन ने बताया कि उनकी टीम प्रदेश के हर तबके के लोगों के विचार जानकर एक रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी, तांकि इस कानून को सफल, सुरक्षित और सभी का बनाया जा सके।
नैनीताल क्लब सभागार में आज शाम समान नागरिक संहिता के लिए बनी विशेषज्ञ परामर्श टीम पहले ईसाई समुदाय और फिर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं से अलग अलग मिली। चेयरपर्सन न्यायाधीश(रि.)रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में हुई बैठक में ईसाई समुदाय के लोगों के लिए विवाह, व्यक्तिगत नागरिक अधिकार, संपत्ति बटवारा, तलाक(डिवॉर्स), गोद लेना(एडॉप्ट),धर्म परिवर्तन, पत्नी और वृद्ध माँ व बाप रख रखाव, लिंगभेद आदि बिंदुओं पर बोलने का आग्रह किया गया।
इसपर फादर एलोसिस ने कहा की युवाओं की शादी की उम्र 25 वर्ष की जानी चाहिए, तांकि युवक स्थिर हो सकें और जनसंख्या पर रोक लग सके। फादर नवीन ने कहा कि बेटी को पिता और ससुर की तरफ से जायदाद मिलनी चाहिए और उसे बराबरी का दर्जा देना चाहिए क्योंकि वो सबसे कमजोर हिस्सा है। फादर लोबो ने कहा कि बच्चों को गोद लेने का मौका देना चाहिए और चीजों को रेग्युलेट करते हुए इसमें लगने वाला समय कम करना चाहिए। सभा में मौजूद एक सदस्य ने कहा कि समान नागरिक संहिता सभी के लिए एक समान होनी चाहिए। एक महिला सदस्य ने कहा कि हम हिंदुस्तान के संविधान में अच्छी तरह से घुलमिल गए हैं और हमें यहां के अधिकार और जिम्मेदारियां दोनों का बोध है, लेकिन चर्चों आदि पर हमले और उनपर खतरा बना हुआ है, जिसे समिति द्वारा न्याय और कानून की स्थिति माना गया।
समिति ने अधिवक्ताओं से भी चर्चा कर समान नागरिक संहिता के प्रारूप को लेकर उनकी राय जानी। समिति मंगलवार को विभिन्न समुदाय, जनप्रतिनिधि, महिलाओं और आम जनमानस से मिलकर उनकी राय जानेगी। इस मौके पर ए.डी.एम.शिवचरण द्विवेदी और एस.डी.एम.राहुल साह के साथ ही तहसीलदार नवाजिश खलीक भी मौजूद रहे।