उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक मामले में एक और आरोपी को जमानत मिल गई हैl
इस आरोपी पर धोखाधड़ी, जालसाजी और गैंगस्टर जैसे बड़े आरोप लगे थेl धोखाधड़ी और जालसाजी में तो पहले ही जमानत मिल चुकी थीl अब इसे गैंगस्टर एक्ट में भी जमानत मिल चुकी हैl
एसटीएफ ने पेपर लीक मामले में 42 लोगों को गिरफ्तार किया था,जिनमें से 21 लोगों पर गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था, इन्हीं में से एक पंतनगर विश्वविद्यालय केे पूर्व अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी, जिन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने आरएमएस कंपनी के अफसरों के साथ मिलकर पेपर लीक किया थाl
जोशी के खिलाफ विजिलेंस ने अक्तूबर में मुकदमा दर्ज किया था। जोशी को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके और दो जमानती देने पर जमानत दी गई है।
जोशी ने धोखाधड़ी, जालसाजी में जमानत पाने के बाद गैंगस्टर में भी जमानत के लिए अर्जी लगाई गई थी।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी ने कोर्ट दिया तर्क
“जोशी को झूठा फंसाया गया है। उनके पास से धन की रिकवरी नहीं हुई थी। इसी तरह गैंगस्टर एक्ट में भी गैंग चार्ट में दो मुकदमे हैं। इनमें से एक मुकदमा विजिलेंस की ओर से दर्ज किया गया है।इस मुकदमे में न तो उनकी गिरफ्तारी की गई और न ही विवेचना अधिकारी ने ज्यूडिशियल रिमांड ही मांगा है। इस आधार पर जोशी को जमानत दे देनी चाहिए।”
बचाव पक्ष के तर्क का अभियोजन ने भी कोई विरोध नहीं किया। इस पर स्पेशल जज गैंगस्टर एक्ट चंद्रमणि राय की अदालत ने जोशी को जमानत दे दी।