पर्वतजन ने जनवरी 2022 में आपदा प्रबंधन विभाग में हुए करोड़ों रुपए के गबन के संबंध में एक खबर प्रकाशित की थी। बहुत ही आश्चर्य की बात है कि 11 महीने गुजर जाने के बाद भी इतने गंभीर प्रकरण पर वित्त विभाग और शासन ने अब तक कोई कार्यवाही नहीं की है।
यह विभाग मुख्यमंत्री के अधीन है, हैरानी की बात है कि मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से भी इस प्रकरण पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने करोड़ों रुपए के गबन के साक्ष्य शासन को अपने पत्र के साथ उपलब्ध करवाए हैं।
सारे साक्ष्य उपलब्ध करवा देने के बाद भी यदि आपदा प्रबंधन विभाग, वित्त विभाग,कार्मिक विभाग और वित्त नियंत्रक गबन के आरोपियों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं तो इससे साफ है कि शासन के कई बड़े अधिकारी इस गबन में शामिल हैं जिनको बचाने का प्रयास अब शासन कर रहा है।
अप्रैल 2022 में आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव ने वित्त नियंत्रक की अध्यक्षता में गबन के इन प्रकरणों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की थी, लेकिन जांच समिति ने अभी तक शासन को कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है और जांच को ठंडे बस्ते में डाल रखा है।
आपदा प्रबंधन विभाग में राज्य के करोड़ों रुपए का गबन हो गया और साक्ष्य उपलब्ध होने के बाद भी वित्त विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है। इससे अब कई यक्ष प्रश्न खड़े हो रहे हैं। अब देखते हैं शासन गबन के आरोपियों पर कब और क्या कार्रवाई करता हैं, जो भी हो सरकारी धन के गबन के आरोपियों को लंबे समय तक बचाना शासन के लिए अब संभव नहीं होगा।