डॉक्टर बनना बहुत बच्चों का सपना होता है। डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप भी कहा जाता है। जिससे आप अंदाज़ा लगा सकते है की डॉक्टर प्रोफेशन को समाज में कितनी इज्जत मिलती है। ये एक ऐसा प्रोफेशन है, जिसमे आपको मानव सेवा का भाव भी आएगा, समाज में रिस्पेक्ट भी मिलेगी और एक अच्छी सैलरी भी। अगर आप ने 12th क्लास बायोलॉजी सब्जेक्ट से किया है, तो आप मेडिकल से जुड़ा कोई भी फील्ड चुन सकते है। लेकिन अगर आप एम बी बी एस डॉक्टर ही बनाना चाहते है, तो आपको इस फील्ड के बारे में जानकारी पता होनी चाहिए। राबर्ट हाफ़ द्वारा कहा गया है कि “एक सही निर्णय लेना आसान होता है, जब कोई बुरा विकल्प ही न हो” जो की MBBS जैसे करियर पर भी लागू होती है। MBBS के बाद भी आपके पास कई सारे विकल्प होंगे, जो आपके करियर को बहुत अच्छी ग्रोथ देंगें। जरूरी नहीं है, कि MBBS करके सिर्फ आपके पास एक ही ऑप्शन होता है, आप कई विकल्पों को चुन सकते हैं। जैसे स्वास्थ्य सेवा विभाग में सरकारी नौकरियां, जॉब्स इन आर्मी, हॉस्पिटल में प्रशासन, एजूकेशन और रिसर्च आदि।
शुरू कैसे करें
अगर आपने 12th PCB से किया है, या आप अभी 12th कर रहे है, तो आप NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) के लिए अप्लाई कर सकते है। ये एक नेशनल लेवल एग्जाम है, जो साल में एक बार होता है। कटऑफ के बाद काउंसलिंग होती है। अगर आपने अच्छा स्कोर किया है, तो आपको आसानी से इंडिया के टॉप मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिल जायेगा।
NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट)
नीट पुरे भारत में लगभग किसी भी मेडिकल कोर्स में प्रवेश पाने के लिए एक अनिवार्य परीक्षा है। आप किसी भी मेडिकल फील्ड में जाना चाहते है, तो आपको ये एग्जाम देना होता है। आपके स्कोर के आधार पर ही आपको मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिलता है।
एलिजिबिलिटी
- स्ट्रीम: साइंस के अलावा किसी और स्ट्रीम (आर्ट्स या कॉमर्स ) वाले स्टूडेंट इस एग्जाम के लिए अप्लाई नहीं कर सकते है। आपकी 12th साइंस फिजिक्स,केमिस्ट्री,और बायोलॉजी सब्जेक्ट्स से होनी चाहिए।
- आयु: कैंडिडेट की आयु कम से कम, दिसंबर 31 तक, 17 वर्ष पूरी होनी चाहिए। आप 17 वर्ष से ऊपर किसी भी आयु के हो तो आप ये फॉर्म भर सकते है।
- नागरिकता: भारतीय, भारत के प्रवासी नागरिक और विदेशी नागरिक भी इस एग्जाम को दे सकते है।
एग्जाम पैटर्न
- सिलेबस: 10th,11th और 12th की फिजिक्स ,केमिस्ट्री और बायोलॉजी (वनस्पति विज्ञान और प्राणी शास्त्र)
- नेगेटिव मार्किंग: ये एग्जाम टोटल 200 नंबर का होता है, जिसमे से 180 आपको अटेंड करने ही होते है। हर एक गलत आंसर के लिए आपके टोटल स्कोर से एक नंबर काट लिया जाता है। कोई प्रश्न न करने पर कोई भी नंबर नहीं काटा जाता है।
- योग्यता अंक: योग्यता अंक हर वर्ग के लिए अलग-अलग है। जैसे सामान्य वर्ग 50%,पीडब्ल्यूडी 45 % ओबीसी/एससी/एसटी के लिए 40%
एग्जाम से संबंधित जानकारी
नीट एग्जाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित करवाया जाता है, जिसकी ऑफिसियल वेबसाइट www.neet.nta.nic.in है। इस वेबसाइट से आप नीट परीक्षा से जुडी हर अपडेट जान सकते है। नीट एग्जाम के फॉर्म मार्च से अप्रैल के बीच में भरे जाते है। नीट की ऑफिसियल वेबसाइट में आपको एग्जाम से रिलेटेड सारी जानकारी मिल जाएगी, जैसे फॉर्म भरने की लास्ट डेट, एडमिट कार्ड, आंसर की, रिजल्ट, कट ऑफ आदि।
- काउंसलिंग प्रक्रिया: नीट एग्जाम कट ऑफ क्वालीफाई करने के बाद आपको काउंसलिंग से गुज़रना होती है। काउंसलिंग के चार राउंड होते है। राउंड 1, राउंड 2, मोप-अप राउंड और स्ट्रे वैकेन्सी राउंड। क़्वालिफ़िएड कैंडिडेट कॉउंसलिंग के लिए www.mcc.nic.in पर विजिट कर सकते है। काउंसलिंग के बाद आपके स्कोर के आधार पर आपको कॉलेज दिया जाता है।
- कॉलेज: कॉलेज मिलना आपके स्कोर, काउंसलिंग राउंड, कॉलेज सीट और आपकी कैटेगरी पर निर्भर करता है। कभी-कभी एक अच्छा स्कोर पाने के बाद भी अगर आपने काउंसलिंग सही टाइम पर अटेंड नहीं की, तो वो सीट आपसे कम स्कोर वाले को मिल जाती है, और आपको अच्छा कॉलेज नहीं मिल पाता है।
MBBS (बैचलर ऑफ़ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ़ सर्जरी)
MBBS मेडिसिन और सर्जरी का कंबाइन कोर्स है, जिसे पूरा करने में 5 – 6 साल लग जाते है। अगर आपका चयन कसी गवर्नमेंट कॉलेज में हो जाता है, तो आपकी कोर्स फीस लगभग 20 हज़ार रुपए से लेकर 7 लाख रूपए तक हो सकती है। लेकिन अगर आप यही कोर्स किसी प्राइवेट कॉलेज से करते है, तो आपकी कोर्स फीस लगभग 20 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपय तक हो सकती है। कोर्स कंप्लीट करने के बाद आपको 1 साल की इंटर्नशिप करनी होती है। इंटर्नशिप करने के बाद आपको भारतीय चिकित्सा परिषद से डिग्री प्राप्त होती है, जिसके बाद आप अपने नाम के आगे डॉक्टर लगा सकते है, और एक प्रोफेशनल डॉक्टर की तरह काम कर सकते है।
MBBS की डिग्री सिर्फ एक एजुकेशन डिग्री नहीं है। ये मरीजों के प्रति जिम्मेदारी भी है। भारत में मेडिकल फील्ड में सीमित सीटों और हाई फीस की वजह से कई बच्चों को अपने डॉक्टर बनने के सपनो को छोड़ना पड़ता है। कई बच्चों को सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है,और उनके साल बर्बाद हो जाते है। कई बच्चे बिना इच्छा के सिर्फ अपने माता-पिता के दबाव में आकर ऐसे बड़े कोर्स को चुन लेते है, और पूरा नहीं कर पाते है, क्यूंकि ये एक चल्लेंजिंग फील्ड है, जहाँ आपको मेंटली और फिजिकली कई तरह के चैलेंजेज को फेस करना पड़ेगा। तो अगर आप खुद डॉक्टर बनने की चाहत रखते है, और इसके साथ आने वाली जिम्मेदारियों व परेशानियों को संभालने में सक्षम है, तो MBBS कोर्स आप जैसे छात्रों के लिए ही बनाया गया है।