रिपोर्ट- राजकुमार सिंह परिहार
इण्टर कालेज कमेड़ीदेवी में 23 सितम्बर को होने वाली नवीन प्रबन्ध समिति के गठन हेतु चुनाव भाजपा के कपकोट विधायक सुरेश गड़िया द्वारा मुख्य शिक्षा अधिकारी बागेश्वर को शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद चुनाव अब अग्रिम तिथि तक स्थगित कर दिया गया हैं।
गुरुवार सुबह, मुख्य शिक्षा अधिकारी बागेश्वर गजेन्द्र सिंह सौन के कार्यालय से एक पत्र इण्टर कालेज कमेड़ीदेवी के प्रधानाचार्य को मिला, जिसमें कहा गया कि “इण्टर कालेज कमेड़ीदेवी में प्रबन्ध समिति के चुनाव हेतु शनिवार 23 सितम्बर की तिथि निर्धारित की गयी थी, उक्त के सम्बंध में ग्राम प्रधान देवतोली, उप प्रधान देवतोली व कमल भौर्याल द्वारा विधायक कपकोट को सम्बोधित एक शिकायती पत्र के क्रम में कपकोट विधायक सुरेश गड़िया ने 19 सितम्बर के द्वारा दिए गये निर्देशों के क्रम में प्रबन्धन समिति का चुनाव अग्रिम आदेशों तक स्थगित किया जाता है। नवीन तिथि से बाद में अवगत कराया जाएगा।”
आपको बताते चलें गुरुवार सुबह जब स्कूल के प्रधानाचार्य को मुख्य शिक्षा अधिकारी बागेश्वर गजेन्द्र सिंह सौन से एक परिपत्र मिला, तब से शहर भर में राजनीतिक बाज़ार गरमाया रहा, हर तरफ इसकी चर्चाएँ रहीं। वहीं जब विद्यालय के प्रधानाचार्य से इस सम्बंध में हमारे सहयोगी द्वारा बात की तो पता चला कि आज शुक्रवार को वहाँ पर नामांकन प्रक्रिया के लिए प्रपत्र बिक्री व आवेदन किए जाने थे। परन्तु उससे पूर्व ही पत्र प्राप्त होने से प्रक्रिया रोक दी गयी। उन्होंने बताया कि शिकायत के सम्बंध में उन्हें कोई सूचना नही है और न ही कोई जानकारी है। वर्तमान समय में विद्यालय प्रबंध समिति में 36 स्थाई सदस्य व 99 अस्थाई कुल 135 सदस्य हैं। उन्ही के मध्य ही यह चुनाव प्रक्रिया अपनाई जानी थी। जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव व एक संचालक चुना जाना था। इस आदेश के बाद इस पर रोक लगा दी गयी है। वह बताते है कि जून 2014 से जुलाई 2017 तक राजेन्द्र राठौर यहां से सदस्य निर्वाचित हुए, तब से किन्ही विवादों के चलते यह पद रिक्त चला आ रहा है। बताते हैं कि पत्र में दर्ज तीन नामों से प्रधान को छोड़कर अन्य दो व्यक्ति भी प्रबन्धन समिति के सदस्य हैं।
वहीं जब मुख्य शिक्षा अधिकारी बागेश्वर गजेन्द्र सिंह सौन से हमारे सहयोगी द्वारा बात की गयी तो उनके द्वारा बताया गया कि वहां पर चुनाव लड़ने वाले कुछ व्यक्तियों के ख़िलाफ़ गम्भीर आरोप हैं, पूर्व की जाँचे चल रही हैं जिसके चलते, लगातार शिकायत प्राप्त होने के बाद किसी तरह के विवाद से बचने को यह निर्णय लिया गया है। जब उनसे शिकायती पत्र की प्रति उपलब्ध कराने की बात की गयी तो उनके द्वारा कहा गया कि वह बहुत लम्बा-चौड़ा है वैसे मैं भी अभी कहीं बाहर हूँ तो सम्भव नही है। आगे बताते हैं कि पिछले छः सालों से वहां पर ऐसे ही विवादों के चलते चुनाव नही हो पाए हैं। मुझे विधायक कपकोट सुरेश गड़िया जी का शिकायती पत्र मिला जिस पर कार्यवाही अमल में लायी गयी है। अभी जब तक जाँचे पूर्ण नही होती हैं तब तक चुनाव हो पाना सम्भव नही है।
देखने वाली बात यह है प्रधानाचार्य के कथनानुसार अभी कोई प्रक्रिया नही अपनायी गयी थी, उन्हें नही पता कि कौन सम्भावित उम्मीदवार है या होगा, वहीं मुख्य शिक्षा अधिकारी महोदय बतलाते हैं कि वहाँ सम्भावित उम्मीदवारों पर गम्भीर आरोप हैं, जांच चल रही है। गौर करने वाली बात ये है कि शिकायत करने वाले कपकोट विधायक समेत चारों भाजपा से हैं। शिकायत पर यह कार्यवाही कितनी सही व कितनी गलत यह उच्चाधिकारियों का मामला है अभी इस पर कुछ भी टिप्पणी कर पाना सम्भव नही है।
वहीं दूसरी तरफ जब हमारे सहयोगी द्वारा प्रबंध समिति के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र राठौर से बात कि तो उन्होंने बताया कि वह अन्य सदस्यों के साथ आज जब विद्यालय पहुंचे तब उन्हें पता लगा की चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं। जिसकी किसी तरह की कोई सूचना न उन्हें व न समिति के अन्य सदस्यों को दी गयी थी। जो पूर्णतः अनुचित है। यह सत्तारूढ़ दल के अपने चहेते कार्यकर्ताओं की शिकायत पर लिया गया बेहद निंदनीय निर्णय है। शिक्षा के मंदिर को राजनीति का अखाड़ा बनाना बेहद अनुचित है इसकी उन्होंने घोर निन्दा भी की है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के मन्दिर में राजनीति करना अनुचित है, हम सब सदस्य जल्द ज़िलाधिकारी महोदय से मिलकर इस पर अपनी बात रखेंगे।
वहीं जब इस सम्बंध में कपकोट विधायक सुरेश गड़िया से बात करने का प्रयास किया गया तो उनके नेटवर्क क्षेत्र में न होने से उनसे बात नही हो पायी।