जिला सहकारी बैंक भर्ती मामले में अभी तक भी कार्यवाही की रिर्पोट सरकार द्वारा हाईकोर्ट में पेश नहीं की है ।
मामले के अनुसार, हरिद्वार निवासी प्रियांशु त्यागी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2020 में प्रदेश के सरकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के लिए समूह घ के 423 पदों पर विज्ञप्ति जारी हुई थी, याचिका में कहा गया है कि इस भर्ती प्रक्रिया के दौरान कई अनियमिताएं सामने आई।
याचिकाकर्ता का कहना है कि इस भर्ती प्रक्रिया में अधिकारियों एवं नेताओं के रिश्तेदारों का चयन किया गया है, कई अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर भर्ती किया गया है।
हाइकोर्ट ने इस मामले में सरकार से जवाब मांगा है, हाईकोट द्वारा सरकार को एक बार फिर एक माह से ऊपर का समय दिया है।हाईकोर्ट द्वारा सरकार को कहा गया है कि इस मामले में आप अपने स्तर से एक माह के अन्दर निस्तारण करें, अन्यथा होईकोर्ट इस मामले पर अपने स्तर से निस्तारण करेगा, इसके लिए हाईकोर्ट ने सरकार को 21 नवंबर 2023 तक का समय दिया है।
जिला सहकारी बैंक भर्ती मामले की जाँच को आज 2 साल से ऊपर हो गये है किन्तु शासन, प्रशासन द्वारा इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।
इस जाँच में ऐसा क्या है जो कि शासन – प्रशासन इस जांच रिर्पोट को सार्वजनिक करने में डर रहा है। कहीं ऐसा तो नही सरकार इस जांच रिपोर्ट को दबा कर अपने लोगों को बचाने का काम कर रही है।