कुमार दुष्यंत
हरिद्वार, 18 अप्रैल।
हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र में महिला मतदाता सदैव उल्लेखनीय भूमिका में रही हैं,लेकिन इस सीट पर किसी महीला उम्मीदवार को जीतने का मौका कभी नहीं मिला।
अब तो महिला उम्मीदवारों ने इस सीट पर रुचि लेनी ही बंद कर दी है। इसबार भी कोई महिला उम्मीदवार मैदान में नहीं है।
हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र में महिला मतदाता सदैव कुल मतदाता संख्या के आधे के आसपास बनी रही हैं,लेकिन यहां फैसला हमेशा पुरुष मतदाताओं के ही हाथ में रहा और पुरुष उम्मीदवार ही जीतते रहे।
सत्तर साल के इतिहास में हरिद्वार से कोई महिला चुनकर दिल्ली नहीं पहुंची। लगातार की पराजय के बाद पच्चीस साल तक किसी महिला ने यहां लड़ने का हौसला नहीं दिखाया।
2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत ने चुनाव लड़ने का जोखिम लिया लेकिन मतदाताओं ने उन्हें भी नकार दिया। इसके बाद से हरिद्वार सीट पर महिला प्रत्याशी नदारद हैं।
सहारनपुर,हरिद्वार,देहरादून अविभाजित लोकसभा सीट पर पहली बार 1962 में जनसंघ ने महिला प्रत्याशी के रूप में सुशीला देवी को मैदान में उतारा था लेकिन वह कांग्रेस के महावीर त्यागी से बुरी तरह हार गई। इसके बाद सुशीला देवी 1980 में कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ी लेकिन दमकिपा के जगपाल से हार गई।
महिला वोटरों की बड़ी संख्या से आकर्षित होकर 1987 में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी हरिद्वार को अपनी कर्मस्थली बनाने का निर्णय लिया लेकिन वह कांग्रेस प्रत्याशी से हार गई। इस चुनाव में लोकदल की बिमला राकेश भी मैदान में उतरी वह तीसरे स्थान पर रही।
हालांकि दूसरे स्थान पर रही मायावती ने हौसला नहीं छोड़ा और 1989 में भी हरिद्वार से चुनाव लड़ा लेकिन वोट बढ़ने के बावजूद वह तीसरे स्थान पर खिसक गई। उन्होंने 1991 में तीसरा चुनाव भी हरिद्वार से लड़ा। भाजपा लहर के बावजूद उनके वोट तो इस वर्ष सवा दो लाख के आंकड़े पर पहुंचे लेकिन वह चौथे नंबर पर पहुंच गई। लगातार की हार से उनका हौसला टूट गया और उन्होंने हरिद्वार को अलविदा कह दिया। इसके बाद फिर पांच चुनावों तक कोई महिला हरिद्वार के चुनावी मैदान में नहीं दिखाई दी। 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत ने कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा।
इस चुनाव में पूर्व डीजीपी कंचन चौधरी ने भी हाथ आजमाए लेकिन यह दोनों महिला उम्मीदवार हार गई। इसके बाद से महिला उम्मीदवार हरिद्वार लोकसभा चुनाव के परिदृश्य से गायब हैं।