रिपोर्ट- राजकुमार सिंह परिहार
उत्तराखंड के सीमान्त जनपद बागेश्वर में एक और आपदा आई है। आमतौर पर बरसात के मौसम में आपदा का दंश झेलने वाले पहाड़ी राज्य को इस बार सर्द मौसम में भी लापरवाही का ऐसा सितम झेलना पड़ा है कि एक माँ को अपने बच्चों को छोड़ असमय काल के मुँह में समाना पड़ा।
कपकोट थाना क्षेत्र के तिमलाबगड़ के समीप गुरुवार को सरयू नदी में एक महिला उस वक्त बह गयी, जब वही पास में निर्मित उत्तर भारत हाईड्रो प्रोजेक्ट ने अपने डैम का पानी खोल दिया। बाद में उनका शव बरामद किया गया। महिला की पहचान तिमलाबगड़ निवासी 35 वर्षीया बिमला मर्तोलिया (पति आनंद सिंह मर्तोलिया) के रूप में की गयी। महिला अपने पीछे दो नन्हे बच्चे छोड़ गयी है। पुलिस ने शव को को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्यवाही खबर लिखे जाने तक गतिमान है।
बताया जा रहा है कि आज सुबह 11:30 बजे महिला कपड़े धोने गयी थी। कपड़े लेकर वह नदी किनारे दलाई कर रही थीं। इस दौरान तेज बहाव के कारण पानी के साथ बह गयी। महिला के बहने की सूचना पर ग्रामीण पहुंचे। पुलिस को भी सूचना दी गयी। सूचना पर कपकोट थाना प्रभारी दल बल के साथ वहां पहुंचे, फिर महिला की खोजबीन शुरू की गयी। ग्रामीणों व पुलिस की काफी खोजबीन के बाद घटनास्थल से कुछ दूरी पर चीराबगड़ में महिला का शव मिला। जिसके चलते क्षेत्र का माहौल काफ़ी गमगीन है।
वहीं क्षेत्रीय लोगों में उत्तर भारत हाईड्रो प्रोजेक्ट के खिलाफ भारी आक्रोश है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि यह प्रोजेक्ट लोगों की जान लेने पर तुला हुआ है। ऐसी घटनाएँ पूर्व में भी हो चुकी हैं। वहीं लोगों का कहना है कि उत्तर भारत हाईड्रो प्रोजेक्ट द्वारा कहा गया था कि वह बांध का पानी खोलने से पहले जनता को सूचित करेंगे व जिसका समय निर्धारित किया जायेगा। इसके लिए एक सायरन बजाकर लोगों को अलर्ट किया जायेगा। जिसके बाद नही के आस-पास कोई नही जायेगा। पर ऐसा होता कहीं नजर नही आ रहा है। जिसके चलते एक महिला को आज अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा।
वहीं उस क्षेत्र के पूर्व जिला पंचायत सदस्य हरीश ऐठानी व नगर पंचायत कपकोट के पूर्व अध्यक्ष गोविन्द सिंह बिष्ट ने इसे उत्तर भारत हाईड्रो प्रोजेक्ट की लापरवाही बताते हुए उसके खिलाफ हत्या का मुक़दमा दर्ज करने की बात कही है। वह सोशल मीडिया पर करते हुए लिखते हैं —
“कपकोट स्थित उत्तर भारत हाइड्रो प्रोजेक्ट की घोर लापरवाही के खिलाफ उस पर हत्या का मुक़दमा दर्ज होना चाहिए।
बेहद दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण खबर प्राप्त होने से दुःखी हूँ। श्रीमती विमला मर्तोलिया जी की उत्तर भारत हाइड्रो प्रोजेक्ट द्वारा नदी का पानी बिना किसी पूर्व सूचना के प्रवाहित करने से नदी के अचानक बड़े अत्यधिक प्रवाह में बहने से जान चली गयी। वह अपने पीछे दो नन्हे बच्चे व रोता बिलखता छोड़ गयी हैं। छोटी बहन बिमला के साथ घटित दुःखद हादसे की खबर ने झकझोर दिया। उनका आकस्मिक निधन अत्यंत दुखद है।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं शोक संतप्त परिजनों को इस कठिन समय में संबल प्रदान करें।
ॐ शान्ति 🙏🏻”