एक्सक्लूसिव: अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कड़क निर्देश, क्या अड़ियल घोड़े पकड़ेंगे रेस !!! 

उत्तराखंड शासन में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शासन के समस्त अफसरों सहित विभागाध्यक्ष और मंडलायुक्त और समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी शासकीय कार्यालय में किसी भी स्तर पर पत्रावलियों को चार कार्य दिवसों से अधिक लंबित नहीं रखा जाएगा।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के पास कार्मिक तथा सतर्कता विभाग है। राधा रतूड़ी ने वर्ष 2015 के एक शासनादेश के हवाला देते हुए कहा है कि प्रत्येक कार्यालय में विभिन्न प्रकरणों से संबंधित पत्रावलियों का प्रत्येक अधिकारियों और कर्मचारियों के स्तर पर निस्तारण चार कार्य दिवसों में किया जाना चाहिए और यदि किसी पत्रावली के ऊपर वार्ता की जानी अपेक्षित हो तो पत्रावली पर वार्ता के बिंदुओं संबंधित अधिकारी जिस से वार्ता करनी है एवं जिस तिथि एवं समय पर वार्ता करनी है उसका स्पष्ट उल्लेख किए जाने हेतु निर्देशित किया गया था, लेकिन वर्तमान में कार्यालयों में उक्त आदेशों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। जिससे कार्यालयों में पत्रावलियों के निस्तारण में गतिशीलता नहीं आ रही है। इससे शासकीय कार्यों के निस्तारण में विलंब हो रहा है।

राधा रतूड़ी ने समस्त अधिकारियों से कहा है कि वह अपने अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारी के स्तर पर उक्त आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने का कष्ट करें।

देखना यह है कि राधा रतूड़ी द्वारा जारी किए गए रिमाइंडर  पत्र का अधिकारी क्या संज्ञान लेते हैं ! इसको भी कहीं 2015 वाले पत्र की तरह रद्दी में तो नहीं डाल देते !

गौरतलब है कि लापरवाह अधिकारियों में इस बात का बड़ा गुमान है कि उन्होंने तो कई सरकारें देख ली, सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन अफसर तो वहीं रहते हैं।

जाहिर है कि वर्ष 2015 में भी यही अफसर थे और आज 4 साल बाद भी वही अफसर हैं। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि इन अफसरों पर राधा रतूड़ी के फरमान का क्या असर होता है !

Read Next Article Scroll Down

Related Posts