अजय भट्ट ने आज संसद में अपने भाषण के दौरान कहा कि यदि किसी महिला को डॉक्टर ने सिजेरियन डिलीवरी बताई हो तो उसे गरुड़ गंगा के पत्थर को घिसकर एक कप पानी पिला दिया जाए तो उसकी नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी।
यही नहीं अजय भट्ट ने यह भी दावा किया कि ऐसा उन्होंने खुद देखा है।
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बस फिर क्या था पूरे देश भर में आज लोग उत्तराखंड का नाम लेकर अजय भट्ट के इस बयान की मजाक उड़ा रहे हैं।
लोग अजय भट्ट को ट्रोल करते हुए कह रहे हैं कि इनको तो स्वास्थ्य मंत्री बना देना चाहिए।
जिस तरह की जानकारियां अजय भट्ट संसद में साझा करते नजर आये, उससे लगता है कि इन्हें मोदी कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री बनाया जाना चाहिए था। इनके पास वो तकनीक है, जिससे बच्चे पैदा करने में आपरेशन की जरूरत ही नहीं पढ़ेगी।।
अजय भट्ट यहीं नहीं रुके उन्होंने यह भी कह दिया कि यदि इस गरुड़ गंगा का एक पत्थर अपने घर में रख दिया जाए तो सांप और चूहे घर में नहीं घुसते।
उन्होंने बाकायदा एक घटना का उदाहरण देते हुए इस बात का दावा किया। साथ ही उन्होंने कुछ वेदों का उदाहरण देते हुए बताया कि वे चमत्कार की तरह मरीजों को ठीक कर देते हैं।
अब लोग पूछ रहे हैं कि यदि ऐसा ही चमत्कार करना था तो फिर भाजपा के प्रकाश पंत और मनोज परिकर सरीखे नेता कैसे मर गए ! वह अजय भट्ट के पास क्यों नहीं गए !
इससे पहले वाले कार्यकाल में सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी प्लास्टिक सर्जरी में भारत को आगे बताते हुए यह दावा करने से नहीं चूके थे कि भारत में ही गणेश जी पर हाथी का सर प्लास्टिक सर्जरी करके लगाया गया था तब निशंक की भी चौतरफा खिल्ली उड़ाई गई थी। उत्तराखंड के बुद्धिजीवी लोग अपने सांसदों को नसीहत भेज रहे हैं कि उत्तराखंड में भले ही कुछ भी बोल देते हो लेकिन देश की संसद में बोलते हुए जरा एतिहायत बरता कीजिए आपकी बात पूरा देश ही नहीं पूरी दुनिया तक पहुंच रही होती है।