उत्तराखंड की स्वास्थ्य समस्या के निदान पर पीएम से गुहार
उत्तराखंड की लचर स्वास्थ्य हालात की स्थिति किसी से छिपी नही है।
आये दिन सड़क पर प्रसव होना,एम्बुलेंस न मिलना और जनता का निजी चिकित्सा पर निर्भर होना पड़ता है।
गम्भीर बीमारी और ऑपरेशन हेतु आज भी जनता को दिल्ली के अस्पतालों के चक्कर काटने होते हैं।
इन्ही सभी समस्याओं को लेकर उत्तराखंड के सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार ने प्रधानमंत्री कार्यालय में दस्तक दी है।
उन्होंने 27 जून को स्वयं प्रधानमंत्री कार्यालय ,साउथ ब्लॉक में जाकर पत्र सौंपा।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड अंतराष्ट्रीय सीमा से जुड़ा है और आज भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में है।
पलायन के कारण सैंकड़ों गाँव घोस्ट विलेज बन चुके हैं जिनमें से सबसे बड़ा कारण स्वास्थ्य भी है।
उन्होंने पत्र में विजन डॉक्यूमेंट सौंपा अजय ने बताया कि अगर ऐसा होता तो उत्तराखंड की तश्वीर बदल जायेगी, पलायन नहीं होगा और जिला अस्पतालों में ही उन्नत किस्म का इलाज़ होगा और प्रदेश के लोगों को दिल्ली के अस्पतालों के चक्कर नही काटने होंगे।
उन्होंने माँग की।
विजन डाॅक्यूमेंट के बिंदु
1.उत्तराखंड के समस्त उपजिला/उपखण्ड अस्पतालों,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मानदंडों के अनुरूप डॉक्टरों, नर्सों,व पराचिकित्सकों आदि की नियुक्ति 6 माह के अंदर राज्य सरकार को निर्देश जारी करें।
2.उत्तराखंड के 13 जिला चिकित्सालयों को मल्टी सुपर स्पेशयलिटी हॉस्पिटल में तब्दील कर दिया जाए, ताकि अपने अपने जिले में मरीजों को उच्च स्तर की सुविधा प्राप्त हो सके।
3.पर्वतीय क्षेत्रों में आये दिन दुर्घटनाएं व प्राकृतिक घटनाएं होती रहती है और प्रदेश के अस्पतालों में ट्रामा सेंटर नही है,मरीजों,घायलों को देहरादून रैफर किया जाता है,जिस कारण मरीज़ रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं अतः
प्रदेश के हर जिला चिकित्सालय में एक एक ट्रामा सेंटर और आइसीयू बनवाये।
4.पर्वतीय राज्य उत्तराखंड की स्वास्थ्य समस्याओं के निदान हेतु स्वास्थ्य पैकेज उपलब्ध कराएं ।
5.गाँव के अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत वैलनेस सेंटर में तब्दील कर उनमें ब्लड सुगर,किडनी,लिवर,ह्रदय, जैसी सामान्य जांचे निःशुल्क हों।
6.गढ़वाल मंडल के श्रीनगर मेडिकल कालेज को एम्स अस्पताल और कुमाऊं के अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को पीजीआई संस्थान में तब्दील कर दिया जाए ताकि केंद्र इसका संचालन करे
7. उत्तराखंड में सचल चिकिसा वाहन, लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस की सुविद्या उपलब्ध कराई जाए।