सरकार की अधिग्रहित कंपनी बाल विकास विभाग में अप्रैल से जून तक का अनुबंध बढ़ाने के लिए आउटसोर्स कर्मियों से 2 महीने की सैलरी के बराबर कमीशन मांग रही है| कोरोना काल में बेरोजगार बैठे युवाओं से उत्तराखंड सरकार की अधिग्रहित कंपनी पर अवैध वसूली के आरोप से हड़कंप मचा हुआ है|
एक बड़ी खबर सामने आई है आउटसोर्स कर्मियों ने बाल विकास विभाग में आउटसोर्स पर तैनात कर्मियों से तीन माह तक अनुबंध बढ़ाने के नाम पर 2 माह की सैलरी के बराबर कमीशन मांगने का आरोप लगाया है
कुछ आउटसोर्स कर्मचारियों ने आउटसोर्स कंपनी की ओर से कमीशन मांगने के लिए किये जा रहे कॉल को रिकॉर्ड कर उस ऑडियो को सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया है |मामला निदेशालय तक पहुंच चुका है|
क्या है पूरा मामला
इस साल जनवरी में राज्य में केंद्र सरकार की एक योजना के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग में आउटसोर्सिंग कंपनी के जरिए करीब 380 कर्मियों की भर्ती की गई थी|
इन कर्मियों की तैनाती राष्ट्रीय पोषण मिशन, प्रधानमंत्री मातृ वंदना, वन स्टॉप सेंटर, महिला शक्ति केंद्र आदि में की गई थी| जनवरी में इन कर्मियों का 31 मार्च तक के लिए अनुबंध हुआ था|
कर्मियों का आरोप है कि, अनुबंध के समय ही आउटसोर्स कंपनी ने सिक्योरिटी के नाम पर 2 महीने की सैलरी मांग ली थी| अब 31 मार्च को इन कर्मियों का अनुबंध समाप्त हो गया था|
अब कंपनी की ओर से 30 जून तक के लिए अनुबंध आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है|जिसके नाम पर वो फिर से आउटसोर्स कर्मचारियों से 2 महीने की सैलरी के बराबर कमीशन मांग रही है
अब जीरो टॉलरेंस सरकार के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है| अनुबंध बढ़ने के इंतजार में बेरोजगारी की मार झेल घरों में बैठे युवा और आम लोगों के लिए सरकार इस मामले पर क्या कार्रवाई करती है|