नैनीताल। वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी उमेश कुमार की जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश नैनीताल ने सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के विधायक अमरमणि त्रिपाठी मामले में पास जारी करने की लापरवाही बरतने वालों पर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। यही नहीं राज्य सरकार समेत 21 लोगों को नोटिस जारी किया गया है।
उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी को लॉकडाउन में उनके ग्यारह साथियों समेत बद्री-केदारनाथ के पास जारी किए जाने वाले मामले में वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी उमेश कुमार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इस पर आज उनकी याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव, डीजीपी, डीएम देहरादून, पौड़ी, रुद्रप्रयाग व चमोली एवं अमनमणि त्रिपाठी व उनके सहयोगियों को नोटिस जारी किया है। उन्हें तीन सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करना होगा। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि अमनमणि त्रिपाठी व उनके साथियों को पास जारी किया गया था, क्या वह अधिकृत था या नहीं।
इस संबंध में उमेश कुमार का कहना है कि अब नौकरशाहों व नेताओं को चेत आना चाहिए, क्योंकि अब उत्तराखंड की जनता जाग चुकी है। ये लड़ाई जमीन से लेकर न्यायालय व सुप्रीम कोर्ट तक पूरी शक्ति के साथ लड़ी जाएगी। भ्रष्टाचारियों और उत्तराखंड राज्य को अपनी बपौती समझने वालों को जवाब दिया जाएगा।
बताते चलें कि तब बद्रीनाथ धाम के कपाट भी नहीं खुले थे कि अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश की संस्तुति पर यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके 11 साथियों को बद्री-केदार जाने के पास जारी किए गए थे। हालांकि उनकी संस्तुति के बाद एसडीएम सदर के कार्यालय से केवल सात पास ही जारी किए गए थे। बावजूद इसके दबंग विधायक कर्णप्रयाग तक पहुंच गए थे। वहां से उन्हें वापस भेजा गया था। उसके बाद मुनिकीरेती थाने में उनके खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था।