तकनीकी शिक्षा निदेशालय की बड़ी धांधली!!
उत्तराखण्ड के द्वारा बी टैक सीट आवंटन में धांधली का मामला सामने आया है।
उत्तराखंड के तकनीकी शिक्षा निदेशालय द्वारा काफी अनुनय निवेदन के बाद बी टैंक इंजनियरिंग छात्रों के लिए बीते 27 से 31 जुलाई के बीच अपनी श्रेणी तथा वरीयता सूची आवंटन के अनुसार उत्तराखण्ड के बी टैंक कालेजों में केटेगरी एवं विषयों का अभ्यर्थियों ने चयन कर आनलाइन फार्म फिलप किये गये थे। कल तकनीकी शिक्षा निदेशालय द्वारा आनन- फानन में बिना पूर्व तैयारी के साथ कल 3 जुलाई को प्रथम चक्र का रिजल्ट घोषित किया गया। आज प्रवेश लेते समय बी टैंक इंजनियरिंग कालेजों में श्रेणी आवंटन में तकनीकी शिक्षा निदेशालय उत्तराखण्ड की बहुत बड़ी धांधली सामने आ रही है।
सामान्य अति पिछड़ा वर्ग 10 प्रतिशत आरक्षण( टी एफ डब्ल्यू) केटेगरी में आल इण्डिया ओबर रैंक 171253 रैंक वाले इंजनियरिंग अभ्यर्थी को छोड़कर आल इंडिया ओवर रैंक 310000 वाले इंजनियरिंग अभ्यर्थी का चयन आई टी गोपेश्वर में किया गया है।जो कि शासन एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की स्वच्छ और पारदर्शी कार्य प्रणाली पर अनेकों प्रश्न चिन्ह खड़े करता है।
मांग उठ रही है कि उत्तराखंड की सरकार को इस प्रकार के मामलों का संज्ञान लेकर जांचकर सम्बंधित विभागीय जिम्मेदार अधिकारी एवं शासन स्तर के सचिवों पर कार्यवाही करनी चाहिए।
इस धांधली से ऐसा प्रतीत होता है कि चाहे सरकारें कानूनी कागजी रुप में आम जनता के लिए कोई भी कानून बना ले लेकिन अमलीजामा पहनाने में सरकारी नौकरशाही अपनी धांधलियों में कोई कोर कसर नही छोड़ने वाली है।
एक छात्र के पिता कहते हैंं कि ” एस सी/ एस टी आरक्षण में मेरे गांव का बच्चू भाई देश की आज़ादी के समय भी हल ही लगा रहा था और आज आजादी के सात दशक बाद भी मेरे गांव के बच्चू भाई के बच्चे भी हल ही लगा रहे हैं। उसी प्रकार माननीय नरेंद्र मोदी जी ने जो सामान्य अति पिछड़ा वर्ग के लिए जो (टी एफ डब्ल्यू) आरक्षण लागू किया है इंजनियरिंग कालेजों में जो इस आरक्षण पर विभाग की धांधली सामने आई है। उससे तो यही प्रतीत हो रहा है कि इस आरक्षण के लाभ से पात्र अभ्यर्थी कोसों दूर दिखाई दे रहा है।”
उदाहरण के तौर पर विनय डुकलान पुत्र कमल किशोर डुकलान का
Jee main roll number 190310280723
Jee main rank(TFW) 171253 थी। उनके बालक का चयन TFW में न होकर राज्य तकनीकी शिक्षा संस्थान देहरादून द्वारा सामान्य श्रेणी में इंजनियरिंग कालेज गोपेश्वर में किया गया है। जबकि उनके बालक से अधिक रैक 310000 वाले का चयन TFW में किया गया है। ये तकनीकी शिक्षा संस्थान की बहुत बड़ी धांधली है। जो कि स्वच्छ एवं पारदर्शी कार्य प्रणाली के लिए ठीक नहीं है।