रजपाल बिष्ट
गोपेश्वर।
इस बार दीपावली का पर्व घर में मनाने का अवसर पर अधिकांश जिला पंचायत तथा क्षेत्र पंचायत सदस्यों को कम ही मिल पाएगा। इसके चलते अधिकांश सदस्य होटलों में ही अपनी दीवाली मनाएंगे। इससे घर गांवों में नवनिर्वाचित मेंबरों की कम ही आमद देखने को मिलेगी। इस कारण समर्थकों को अपने नवनिर्वाचित मेंबरों संग जीत के बाद दीवाली मनाने का मौका मुश्किल ही मिल पाएगा।
दरअसल अभी तक जिला पंचायत अध्यक्ष तथा क्षेत्र प्रमुख चुनाव के लिए अधिसूचना जारी नहीं हो पाई है। इसके चलते अध्यक्ष तथा प्रमुख के अधिकांश दावेदारों ने सदस्यों को अपने अपने पाले में रखने के लिए कैंपिंग तेज कर दी है।
बताया जा रहा है कि ज्यादातर सदस्य चुनाव जीतने के बाद जनता का आभार प्रदर्शन करने के बजाय अध्यक्ष तथा प्रमुख के दावेदारों के कैंपों की शरण में चले गए हैं। अधिकांश सदस्य तो होटलों में कैंपिंग कर रहे हैं। यही नहीं जिला पंचायत उपाध्यक्ष तथा ज्येष्ठ व कनिष्ठ प्रमुखों के दावेदार भी अपनी अपनी दावेदारी को लेकर सक्रिय हो चले हैं।
उपाध्यक्ष, ज्येष्ठ प्रमुख तथा कनिष्ठ प्रमुख के दावेदारों ने भी अध्यक्ष तथा प्रमुख पद के दावेदारों से मोल भाव करने को किसी एक कैंप में शरण ले ली है। इसके चलते इस बार जिला पंचायत तथा क्षेत्र पंचायत के अधिकांश सदस्यों की दीपावली होटलों में ही मनेगी। वैसे अभी तक जिला पंचायत अध्यक्षों को लेकर आरक्षण निर्धारण को लेकर अंतिम प्रकाशन नहीं हुआ है। अंतिम प्रकाशन के पश्चात ही चुनाव की रणभेरी बजेगी। इससे पहले भी अध्यक्ष पद के दावेदारों ने सदस्यों को अपने अपने पक्ष में लामबंद करना शुरू कर दिया है।
बताया जा रहा है कि कई सदस्य घरों के बजाय इस दौरान होटलों में शरण लिए हुए हैं। ऐसे में इस बार ज्यादातर सदस्यों की दीपावली होटलों अथवा रिजॉर्टों में ही मनेगी। अध्यक्ष तथा प्रमुख पद के दावेदारों के समर्थक सदस्यों की खिदमद में जुटे हुए हैं। कई सदस्य तो जिले से बाहर के होटलों में शरण लिए हुए हैं। हालांकि जो लोग अभी अपने घरों अथवा इलाकों में हैं उन पर डोरे डाल कर कैंपों में शरण लेने को मनाया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक कतिपय सदस्यों को तो दावेदारों ने अपने अपने कैंपों में मिला दिया है। बताया जा रहा है कि कई सदस्य होटलों में डेरा डाल गए हैं। सदस्यों को कैंप से बाहर लाकर दीपावली घर में मनाने को लेकर दावेदार बेहद सतर्क होकर चल रहे हैं। खतरा यह है कि यदि किसी सदस्य को दीपावली के बहाने घर भेज दिया गया तो फिर प्रतिद्वंदी दावेदार उन्हें खींच ले जाएंगे। इसके चलते कोई भी दावेदार इस तरह का खतरा मोल लेने से बचने की रणनीति पर चल रहे हैं।
इस तरह के हालातों के बीच कैंप में शामिल मेंबरों को बाहर भेजने की कोई स्थिति बनती नहीं दिखाई दे रही है। इसलिए बहुत संभव है कि शनिवार तथा रविवार को दीपावली के पर्व पर ज्यादातर सदस्यों की दीवाली घर के बजाय होटलों तथा रिजॉर्टों में ही मनेंगी। अब देखना यह है कि दीपावली का पर्व अपने परिजनों से मनाने के लिए दावेदार अपने समर्थक सदस्यों को ढील देते हैं अथवा नहीं। यह सब सियासी हालातों पर ही निर्भर करेगा।