भूपेंद्र कुमार
मानवाधिकार एवं आरटीआई कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार ने नए मोटरवाहन अधिनियम की आड़ में पुलिस द्वारा बेकसूर लोगों का उत्पीडऩ कर खुलेआम मानवाधिकारों का हनन किए जाने से मानवाधिकार आयोग से इसकी शिकायत की है तथा चालान से संबंधित आरटीआई में जानकारी मांगी है।
मानवाधिकार आयोग को लिखे पत्र में भूपेंद्र कुमार ने कहा है कि नए मोटरवाहन अधिनियम की आड़ में पुलिस द्वारा बेकसूर लोगों का उत्पीडऩ कर खुलेआम मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। जिला देहरादून की थाना सहसपुर पुलिस के द्वारा छरबा क्षेत्रा में शीतला नदी के किनारे खेत में खड़ी एक किसान की भैंसा बुग्गी का एमवी एक्ट में एक हजार रुपए का चालान काट दिया गया, जबकि एमवी एक्ट में कहीं भी भैंसा बुग्गी का चालान काटने का प्रावधान ही नहीं है। किसान का आरोप है कि पुलिस ने इस दौरान भैंसा बुग्गी पर रखा उसका सामान भी फेंक दिया। जिससे उसको भारी मानसिक तनाव से गुजरना पड़ा।
भूपेंद्र कुमार ने कहा कि यह अपने तरह का एक अनोखा चालान प्रतीत होता है, जो शायद पूरे देशभर में इकलौता मामला होगा। यह एमवी एक्ट की आड़ में बेकसूर आदमी का चालान कर उत्पीडऩ किया गया है। यह तो एक उदाहरण है। न जाने इस तरह के कितने और मामले हो रहे होंगे, समझा जा सकता है।
बताते चलें कि यह कि चकराता मेन रोड पर पुलिस चौकी, थाना के पास बड़ी संख्या में वाहन खड़े रहते हैं, जिससे रोड एक्सीडेंट की संभावनाएं भी अत्यधिक बढ़ जाती हैं, परंतु इन्हें हटाने की पुलिस द्वारा कोशिश नहीं की जाती। उदाहरणार्थ पंडितवाड़ी, प्रेमवाला, सुद्धोवाला, झाझरा, सेलाकुई, सहसपुर आदि समस्त रूटों पर बड़ी संख्या में वाहन खड़े रहते हैं, यह अतिक्रमण पुलिस को कभी नजर नहीं आता और बेकसूर व गरीब इंसान की जानबूझकर खेत में खड़ी भैंसा बुग्गी का चालान कर दिया जाता है।
भूपेंद्र कुमार ने मानवाधिकार आयोग से अनुरोध किया है कि इस मामले में तत्काल कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की जाए। इसके अलावा उन्होंने पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को भी मामले में कार्यवाही हेतु निर्देशित करने हेतु कहा है।
मानवाधिकार आयोग को भूपेंद्र कुमार ने इस प्रकरण की तरह अन्य जिलों में भी इस तरह आम जनता का उत्पीडऩ कर खुलेआम मानवाधिकारों के उल्लंघन की आशंका जताई है।