कुमाऊं ब्यूरो रिपोर्ट विशाल सक्सेना
ऊधमसिंहनगर पुलिस ने एक बड़े ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देते हुए शातिर इच्छाधारी बाबा को किया गिरफ्तार, जोकि अपनी ‘मायावी’ कलाओं और भ्रामक तरीकों से करोड़ों रुपये की ठगी करता था, यह स्वयंभू बाबा, जो बरेली के पीर जुनैद से ‘वशीकरण युक्त रहस्यमय कलाएं’ सीखने का दावा करता था, अब पुलिस की गिरफ्त में है, इस गिरफ्तारी से न केवल अनगिनत लोगों को भविष्य में होने वाली ठगी से बचाया गया है, बल्कि समाज में ऐसे धोखेबाजों से सतर्क रहने का भी एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है।
उधम सिंह नगर एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि दिनांक 08 जून को रुद्रपुर कोतवाली में एक महिला द्वारा दी गई तहरीर ने इस पूरे मामले का खुलासा किया, वादिनी ने बताया कि आरोपी ने उसके घर के अंदर जमीन के नीचे दबा हुआ धन निकालने का नाटक रचते हुए उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया, और उसकी आपत्तिजनक वीडियो भी बना ली, इस वीडियो के जरिए उसने पीड़ित से पाँच लाख रुपये वसूले, इसके बाद भी आरोपी महिला को उस आपत्तिजनक वीडियो का डर दिखाकर 20 लाख रुपयों की और मांग कर रहा था, मामले को गंभीरता से देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऊधमसिंहनगर ने एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया, जिसने सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस के माध्यम से गहन जांच शुरू की, पुलिस के प्रयासों के फलस्वरूप, दिनांक 09 जून को देर शाम अभियुक्त रामभक्त को डिग्री कॉलेज, रामपुर रोड, रुद्रपुर के पास से गिरफ्तार कर लिया गया, अभियुक्त को अपने खिलाफ हुए मुकदमे की भनक लग चुकी थी, और वह मुंबई भागने की फिराक में था, पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने उसे भागने से पहले ही दबोच लिया।
यह ‘इच्छाधारी बाबा’ एक धोखेबाज ही नहीं, बल्कि ठगी का एक माहिर कलाकार था, जिसके पास लोगों को अपने जाल में फंसाने के कई शातिराना तरीके थे, यह मायावी बाबा अपनी असली पहचान छुपाने और लोगों को भ्रमित करने में माहिर था, वह कभी एक साधारण संत का भेष धारण करता था, तो कभी एक प्रभावशाली व्यवसायी का, उसके पास विभिन्न प्रकार की वेशभूषा और मेकअप का पूरा भंडार था, जिससे वह आसानी से किसी भी भीड़ या परिस्थिति में घुलमिल जाता था, इस अद्भुत क्षमता ने उसे पुलिस और जनता, दोनों की आँखों में धूल झोंकने में मदद की और वह बिना किसी संदेह के अपने ठगी के जाल बिछाता रहा था, यही नहीं यह इच्छाधारी बाबा एक सफल और धनी व्यवसायी का रूप धारण करता था, महंगे कपड़े, चमकती हुई किराए की गाड़ियां, और एक प्रभावशाली बोलचाल उसे आम लोगों के बीच एक विश्वसनीय और संपन्न व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत करती थी, वह खुद को एक आध्यात्मिक गुरु बताता था, जो लोगों की समस्याओं का समाधान कर सकता है, लेकिन उसका एकमात्र मकसद ठगी करना रहता था, यह ‘बिजनेसमैन बाबा’ का गेटअप लोगों को यह विश्वास दिलाता था कि वह न केवल आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली है, बल्कि आर्थिक रूप से भी संपन्न है, जिससे लोग उसकी बातों में आसानी से आ जाते थे।
अपनी ठगी को और भी विश्वसनीय बनाने के लिए, इच्छाधारी बाबा बड़ी और महंगी गाड़ियां किराए पर लेता था, वह इन गाड़ियों में शान से घूमता था, जिससे लोगों पर उसकी अमीरी और प्रभाव का गहरा असर पड़े, यह दिखावा लोगों को यह सोचने पर मजबूर करता था कि वह एक सच्चा और शक्तिशाली व्यक्ति है, जो अपने भक्तों की मदद करने में सक्षम है, यह सब केवल लोगों को प्रभावित करने और उन्हें अपने जाल में फंसाने का एक सुनियोजित तरीका था, बाबा लोगों को यह विश्वास दिलाता था कि उसके पास अलौकिक शक्तियां हैं, इसी क्रम में वह ‘बाल जलाकर पैसे बनाने’ का दिखावा करता था, यह एक मनोवैज्ञानिक चाल थी, जहाँ वह शायद पहले से ही तैयार नोटों को गुप्त रूप से प्रदर्शित करता था, जबकि लोगों को यह भ्रम होता था कि वह ‘जादुई’ रूप से पैसे बना रहा है, इस तरह के तंत्र-मंत्र का झांसा देकर वह लोगों से लाखों रुपये ठगता था, उन्हें अमीर बनने या उनकी समस्याओं का समाधान करने का झूठा वादा करता था, अंधविश्वास का लाभ उठाते हुए, इच्छाधारी बाबा लोगों को यह यकीन दिलाता था, कि उन पर ‘काला साया’ है, जिसे हटाने के लिए ‘बकरे की बलि’ आवश्यक है, यह एक क्रूर और अमानवीय तरीका था, जिसके नाम पर वह भोले-भाले लोगों से लाखों रुपये ऐंठता था, वह बलि के अनुष्ठान का दिखावा करता था, जबकि असल में वह केवल लोगों के पैसे हड़प रहा था, यह उसके ठगी के सबसे भयावह तरीकों में से एक था, जो लोगों की धार्मिक भावनाओं और भय का दुरुपयोग करता था।
इस मायावी बाबा ने लोगों को डराने और उन्हें अपने वश में करने के लिए एक और खतरनाक तरीका अपनाया, वह अपने कुर्ते के अंदर एक सांप रखता था, और अचानक इसे निकालकर लोगों को आश्चर्यचकित करता था, यह देखकर लोग भयभीत हो जाते थे, और इसे उसकी ‘दैवीय शक्ति’ मान लेते थे, सांप का यह अचानक प्रदर्शन लोगों को भयभीत करने और उन्हें बाबा की बातों पर विश्वास करने के लिए मजबूर करता था, जिससे वे आसानी से उसके जाल में फंस जाते थे, इच्छाधारी बाबा ने निसंतान महिलाओं की भावनाओं का भी क्रूरता से शोषण किया, वह उन्हें बालक पैदा करने के नाम पर बेवकूफ बनाता था, और उनसे लाखों रुपये और गहने ठगता था, वह विभिन्न प्रकार के ‘अनुष्ठानों’ और ‘दवाओं’ का वादा करता था, जबकि वास्तव में वह केवल इन महिलाओं की निराशा और गहरी इच्छा का फायदा उठा रहा था, यह उसके ठगी के सबसे शर्मनाक पहलुओं में से एक था, वह लोगों की सबसे गहरी उम्मीदों का दुरुपयोग कर रहा था।
पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ है, कि इस ठग बाबा ने बरेली के पीर जुनैद नामक व्यक्ति से ‘वशीकरण की कलाएं’ सीखने का दावा किया था, वह लोगों को यह यकीन दिलाता था कि इन कलाओं के माध्यम से वह किसी भी व्यक्ति को वश में कर सकता है, उनकी समस्याओं का समाधान कर सकता है, और उन्हें धनवान बना सकता है, वह इन तथाकथित ‘वशीकरण’ विद्याओं का उपयोग लोगों को अपनी बातों में फ़साने और उन्हें भावनात्मक रूप से कमजोर करने के लिए करता था, जिससे वह आसानी से उसकी ठगी का शिकार हो जाते थे, यह उसके ठगी के जाल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिससे वह लोगों के मन में अपनी शक्तियों के प्रति विश्वास जगाता था, यह शातिर बाबा लोगों को अपने घर या संपत्ति में जमीन के नीचे गड़े हुए धन ( माया ) को निकालने का झूठा लालच देता था, वह उन्हें यह विश्वास दिलाता था कि उसके पास ऐसी शक्तियां हैं, जिनसे वह गुप्त धन को खोज सकता है, इस झांसे में आकर भोली-भाली जनता अपनी जमापूंजी उसे सौंप देती थी, यह सोचकर कि वह उन्हें और अधिक धन प्राप्त करने में मदद करेगा, लेकिन यह सब केवल उसकी ठगी का एक और जालसाज तरीका था, जिससे वह लोगों के पैसे ऐंठता था।
देखें वीडियो :
https://youtube.com/shorts/-TIsuLgJESc?si=RxCQPRQxKUWHE2qO
जांच में यह भी सामने आया है कि यह ‘मायावी बाबा’ न केवल ठगी करता था, बल्कि सम्मोहन का दुरुपयोग कर महिलाओं का यौन शोषण भी करता था, वह अपनी ‘मायावी’ शक्तियों का प्रदर्शन कर लोगों को सम्मोहित करता था, और इसी अवस्था का फायदा उठाकर उसने कई महिलाओं के साथ बलात्कार जैसी जघन्य वारदातें भी की हैं, पुलिस रिकॉर्ड मुताबिक, यह बाबा पूर्व में भी ऐसे ही गंभीर अपराधों के लिए जेल जा चुका है, जो उसकी आपराधिक प्रवृत्ति को दर्शाता है, इस मायावी बाबा का आपराधिक इतिहास कई गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमों से भरा पड़ा है, जो इसकी शातिर और आपराधिक प्रवृत्ति को उजागर करता है, इसके विरूद्ध कई मामलों मुकदमे दर्ज है।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा के निर्देशन और पुलिस के अथक प्रयासों से आखिरकार इस रहस्यमई मायावी इच्छाधारी बाबा का पर्दाफाश हो गया, जिससे कई और लोग ठगी का शिकार होने से बच गए, अभियुक्त को उसके जुर्म और उपरोक्त धाराओं से अवगत कराते हुए अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है, इस गिरफ्तारी से न केवल कानून का राज स्थापित हुआ है, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने और ऐसे धोखेबाजों से सतर्क रहने का भी एक महत्वपूर्ण संदेश देती है, जो लोगों की आस्था और अंधविश्वास का दुरुपयोग कर अपने आपराधिक मंसूबों को अंजाम देते हैं, पुलिस ने इस मामले में तत्परता और पेशेवरता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जिसकी चारों ओर सराहना की जा रही है,एसएसपी मणिकांत मिश्रा द्वारा मामले का त्वरित खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 5000 रुपए के ईनाम की घोषणा भी की गई है।