खनन के पट्टे पर खूनी संघर्ष। व्यवसाइयों में चले लाठी-डंडे, एक का फूटा सिर
रिपोर्ट- सतपाल धानिया
विकासनगर। विधानसभा के छरबा गांव में शीतला नदी में रिवर ट्रैनिंग के नाम पर किये जा रहें खनन के ढुलान में उस समय हड़कंप मच गया जब खनन व्यवसाइयों में आपस में ही लाठी डंडे चल गए। स्थानीय व बाहरी लोगो में खनन को भरने के लिऐ कहासुनी हो गयी। कहासुनी अचानक ही खूनी खेल में तब्दील हो गयी। स्थानीय ट्रांसपोर्टर व बाहरी ट्रांसपोर्टर में खनन के वाहन भरने को लेकर जमकर लाठी डंडे चले, जिसमे एक स्थानीय व्यक्ति मुस्तकीम क़ा सिर फट गया व लहूलुहान हो गया। जैसे ही आसपास के लोगो को क्षेत्र के युवक की पिटाई व गंभीर घायल होने की सूचना मिली तो मौके पर स्थानीय ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गयी। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने खनन के पट्टे पर जमकर हंगामा काटा ओर पट्टे पर हो रहें खनन के कार्य को भी बंद करवा दिया।
हंगामे की सूचना जैसे ही पुलिस को मिली पुलिस के सामने ही दोनों पक्ष फ़िर उलझ पड़े। पुलिस ने बामुश्किल दोनों पक्षो के लोगो को लाठियां फटकार तितर-बितर किया। इस दौरान पुलिस से भी ग्रामीणों की झड़प हो गयी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया व घायल युवक को हॉस्पिटल में भर्ती कराया, तो वही शीतला नदी में चल रहें खनन के खेल पर ग्राम प्रधान जस्सोवाला प्रवीण सैनी क़ा कहना है कि, पट्टा संचालक मानको को ताक पर रखकर वैध खनन की आड़ में अवैध खनन कर रहा है। जिस वजह से आये दिन खनन के पट्टे पर झगड़े होते रहते हैं।
वही यमुना रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष उमेश गुप्ता पट्टा संचालक पर गंभीर आरोप लगाये हैं। उमेश गुप्ता क़ा कहना है कि, खनन के पट्टे पर ना ही तोल कांटा है ओर ना ही सीसीटीवी कैमरे लगाये गए है। खनन पट्टा संचालक मानको को ताक पर रखकर वैध खनन की आड़ में अवैध खनन करने में लिप्त है। क़हा कि प्रशासन को कई बार खनन पट्टे में अनियमितताएं होने की शिकायत स्थानीय प्रशासन से कर चुके हैं। लेकिन पट्टा संचालक प्रभावशाली व्यक्ति है और उसे राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है। जिसके चलते स्थानीय प्रशासन कार्यवाही नहीं कर पा रहा है, तो वही घायल व्यक्ति द्वारा सहसपुर थाने में तहरीर दी है और कार्यवाही के लिऐ गुहार लगाई है। अब देखना यह होगा कि, कार्यवाही होगी य़ा पीड़ित को न्याय के लिऐ भटकना पड़ेगा।
खनन पट्टे से जारी है ओवरलोड वाहनो की आवाजाही
शीतला नदी में रिवर ट्रैनिंग की आड़ में खनन सामग्री क़ा दोहन बेतरतीब तरीके से किया जा रहा है। 09 टन भार वाले वाहनो में 25 टन भार ढुलान किया जा रहा है। 03 टन ट्रैक्टर में भार करने की अनुमति है, उसमें पंद्रह टन क़ा ढुलान किया जा रहा है, तो वही जिन वाहनो में 12 टन भार क़ा ढुलान किया जाता है, उनमें 35 टन क़ा ढुलान किया जा रहा है। ओवरलोड वाहनो से दुर्घटना क़ा खतरा भी बना हुआ है। क्योंकि वाहनो में बॉडी से ऊपर तक पत्थर बजरी भरी जा रही है। जिससे राहगीरो की जान जाने क़ा खतरा भी बना हुआ है। भारी अनियमितता होने के बावजूद भी संबंधित विभाग मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहें हैं। हालाकि प्रशासन के द्वारा तीन दिन पहले कार्यवाही की गयी थी, लेकिन वह कार्यवाही महज खानापूर्ति दिखाई दे रही है।