उत्तराखंड में पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद मुख्यमंत्री की विधानसभा डोईवाला से एक ग्राम प्रधान पर फर्जी तरीके से अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बना कर प्रधान चयनित होने का आरोप लगा है।
चुनाव जीतने वाले रविंद्र सिंह पर आरोप है कि उनकी जाति सरकारी अभिलेखों में ओबीसी श्रेणी की है जबकि वह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर चुनाव जीतकर ग्राम प्रधान बने हैं।
नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान रविंद्र सिंह पर फर्जी प्रमाण पत्र बना कर चुनाव जीतने के आरोप में जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत दर्ज की गई है।
शिकायतकर्ता कालूराम का कहना है कि वे भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ता है और अपने साथ हुई इस धोखे से आहत हैं।
देखना है कि कालूराम की इस शिकायत पर आप उत्तराखंड सरकार कितनी जल्दी निर्णय लेती है !