मुख्यमंत्री को धमकी देने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि उसने परेशान होकर यह कदम उठाया।
उसने कहा कि वह वर्ष 2016 में पौड़ी में मुख्यमंत्री के जनता दरबार में गया था और उचित कार्यवाही ना होने पर उसने गुस्से में 17 फरवरी 2016 में श्रीनगर थाने में फोन करके कहा था कि मेरा आधार कार्ड न बनने पर मैं मुख्यमंत्री जी को नुकसान पहुंचा दूंगा।
उसके बाद पुलिस द्वारा उसे लुधियाना से गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था।
करीब 1 साल जेल काटकर वह बाहर आया तो इसके बाद इलाहाबाद चला गया और करीब 1 सप्ताह पहले हरिद्वार आ गया।
लेकिन कोई पहचान पत्र न होने के कारण उसे कोई काम स्थाई रूप से नहीं मिल पा रहा था और वह ध्याड़ी मजदूरी कर रहा था। इससे वह काफी व्यथित हो गया था और इसी कारण उस दिन मुख्यमंत्री उत्तराखंड के मोबाइल नंबर की जानकारी करके 9 नवंबर को हर की पैड़ी में बम ब्लास्ट करने की बात कह दी थी।
धमकी देने वाले व्यक्ति की एक पत्नी और 3 बच्चे हैं लेकिन लगभग 2 साल से वह उनमें से किसी के भी संपर्क में नहीं है। गांव में भी उसका प्रधान सहित कुछ अन्य लोगों से विवाद चल रहा है।
हरिद्वार पुलिस ने कहा है कि 7 वर्ष से कम सजा होने के कारण उसे धारा 41 का नोटिस दिया गया है और वह पारिवारिक तथा व्यक्तिगत परिस्थितियों से व्यथित प्रतीत होता है, इसलिए उसकी काउंसलिंग किए जाने की जरूरत है
पुलिस ने अपने प्रेस नोट में यह भी कहा है कि अभियुक्त की समस्याओं के संबंध में यथोचित कार्यवाही करने के प्रयास किए जाएंगे।
जब अभियुक्त ने मुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल अफसर को फोन किया तो फिर पुलिस हरकत में आई और उसकी लोकेशन को ट्रेस करके उसे बिल्केश्वर मंदिर के गेट के पास से पकड़ लिया। अभियुक्त का नाम केसवानंद पुत्र विद्या दत्त निवासी अंताखोली तहसील चाकीसैण पट्टी कंडारस्यू जिला पौड़ी गढ़वाल है।
वर्तमान में उसने अपना पता एमटी कॉलोनी प्रेम नगर देहरादून बताया।
अभियुक्त ने जिस तरह से पिछले कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री के जनता दरबार से व्यथित होकर वर्तमान मुख्यमंत्री के मोबाइल नंबर का पता करके उन्हें फोन किया उससे यह व्यक्ति समझा जा सकता है कि यह किसी व्यक्ति विशेष से नहीं बल्कि सिस्टम का मारा हुआ है।