देहरादून। उत्तराखंड में हरिद्वार को छोड़कर अन्य 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। पंचायत चुनावों के लिए जारी आरक्षण प्रस्तावों के अनंतिम प्रकाशन के बाद विभिन्न जिलों से तीन हजार से अधिक आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं।
अब इन आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सभी जिलों में आज और कल जिलाधिकारी स्वयं आपत्तियों का निपटारा करेंगे। इसके बाद 18 जून 2025 को आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
आपत्तियों की मुख्य वजहें
अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश आपत्तियां ग्राम पंचायतों के आरक्षण को लेकर आई हैं।
- कई लोगों का कहना है कि उनकी ग्राम पंचायत पिछली बार भी महिला के लिए आरक्षित थी और इस बार फिर महिला वर्ग के लिए आरक्षित कर दी गई है।
- कुछ ने ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों को एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षित न करने और इन्हें सामान्य रखने की मांग की है।
- वहीं कुछ ने पंचायतों को एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित करने की मांग उठाई है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पंचायतों का आरक्षण शासनादेश के अनुसार तय किया गया है, और सभी आपत्तियों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
जिलावार आपत्तियों का आंकड़ा
पंचायत चुनाव आरक्षण प्रस्तावों पर जिलावार दर्ज आपत्तियों की संख्या इस प्रकार है:
- ऊधमसिंह नगर: 800 से अधिक
- देहरादून: 302
- अल्मोड़ा: 294
- पिथौरागढ़: 277
- चंपावत: 337
- पौड़ी: 354
- चमोली: 213
- रुद्रप्रयाग: 90
- उत्तरकाशी: 383
- टिहरी: 297