मुँह के बल गिरी मुख्यमंत्री की केदारेश्वर मिनी स्टेडियम निर्माण की घोषणा, गौचर, पनघट व विभागीय स्वीकृतियां बनीं रोड़ा
— अपूर्ण जानकारी के चलते क्षेत्रीय विधायक ने करवाई घोषणा
— स्वीकृत बजट के विलोपन के लिए शासन ने माँगा ज़िला प्रशासन से लिखित
— पिछली आपदा से अब तक क्षतिग्रस्त मैदान में नही रुका भूकटाव, जनप्रतिनिधि मौन प्रशासन बना तमाशबीन
✍?राजू परिहार
कपकोट विधानसभा में मुख्यमंत्री ने एक साल पहले दिसम्बर 2018 में नगर में मिनी स्टेडियम बनवाने की घोषणा की थी। जो कि अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। स्टेडियम के निर्माण संबंधी प्रस्ताव भी खेल एवं युवा कल्याण संचालनालय को भेजे जा चुके हैं, लेकिन विगत एक साल से मिनी स्टेडियम निर्माण की कवायद ठंडे बस्ते में पड़ी हुई थी अब जाकर ज्ञात हुआ कि यह निर्माण कार्य तो हो ही नही सकता। क्यूँकि स्वीकृत मिनी स्टेडियम तो सरकारी मानकों को पूरा ही नही करता है।
गौचर, पनघट आदि सामाजिक हित की भूमि का सरकार अधिग्रहण नही कर सकती है।जिसके चलते यह निर्माण होना सम्भव नही।
बागेश्वर जनपद के कपकोट विधानसभा के अन्तर्गत नगर पंचायत चुनाव से पूर्व सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के कपकोट दौरे पर आने पर क्षेत्रीय विधायक बलवन्त सिंह भौर्याल द्वारा बिना किसी भू सम्बंधित जानकारी अर्जित किए त्वरित राजनीतिक लाभ की मंशा से आनन-फ़ानन में केदारेश्वर खेल मैदान को मिनी स्टेडियम बनाने की घोषणा करवाई, जिसका ख़ामयाजा है कि आज वहाँ स्वीकृत बजट को ज़िला प्रशासन शासन को वापस भेजने को बाध्य है।