पुरोला।
रवांघाटी पृथक जनपद बनाने को लेकर पुरोला मोरी सर्वदलीय संघर्ष समिति ने पुरोला में बैठक कर उपजिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर एक अप्रैल से आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया।
ज्ञापन में कहा गया है कि रवांई घाटी के पुरोला,नौगांव व मोरी विकास खंडों की भौगोलिक विषम परिस्थितियों को देखते हुए क्षेत्रीय जनता दशकों से पृथक रवांई जनपद निर्माण की मांग करती आ रही है । कई बार महीनों-महीनों तक जनपद निर्माण को लेकर संघर्ष कर आंदोलन भी किए गए है।
कहा कि, भाजपा सरकार ने पूर्व में तीनों विकास खंडों की विषमताओं व जनभावनाओं को देख कर रवांई घाटी की वर्षो पूर्व पृथक जनपद की मांग को सैद्धांतिक स्वीकृति भी दी गयी। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के समय भी तत्कालीन पर्वतीय विकास मंत्रालय के सचिव आरके भार्गव की अध्यक्षता वाली समिति ने भी तीनों विकास खंडों का सर्वेक्षण कर रवांई जनपद मुख्यालय पुरोला बनाए जाने की संस्तुति दी थी।
ज्ञापन में कहा गया है कि, मोरी के सुदूरवर्ती लिवाड़ी,फिताड़ी,रेक्चा,गंगाड,ओसला,मौडा,बलावट, आराकोट बंगाण,सरबडियाड आदि सुदूरवर्ती क्षेत्रों से लोगों को छोटे-छोटे कार्यों हेतु जनपद मुख्यालय उत्तरकाशी पहुंचने में दो-तीन दिन का समय बर्बाद करना पड़ता है।
ज्ञापन में रवांई पृथक जनपद निर्माण की मांग को लेकर एक अप्रैल से धरना,प्रदर्शन व आंदोलन करने का ऐलान किया गया है।
ज्ञापन पर प्रकाश कुमार , हरीश लाल,अशोक कुमार,धर्मेंद्र,नीरज राणा,लोकेंद्र सिंह,गजेंद्र चौहान, प्रेमलाल,अजय कंडारी,रमेश कुमार,गुरु देव सिंह,यशपाल सिंह,सचिन रावत,अजय आदि दर्जनों लोगों के हस्ताक्षर हैं।