गौवंश सुरक्षा सवालों के घेरे में अकेले दम पर उठाएं घूम रहे हैं पीड़ा शादाब अली
कौन लेगा इसकी जिम्मेदारी, न तो ले रही है सरकार न ही जनता। कुछ राजनीतिक पार्टियां सेंक रही है रोटियां। सरकार को बार-बार अवगत कराने के बाद भी नतीजा ज्यों का त्यों।
देहरादून। उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में गौवंश की आज भी बेकद्री हो रही है। शासन प्रशासन गौवंश की सुरक्षा के लिए कितना सचेत है, इसका अंदाजा इससे आज भी लगाया जा सकता है कि आज राजपुर रोड सिटी मॉल के सामने जब किसी अज्ञात गाड़ी द्वारा टक्कर मार दी गई, जिसकी सूचना सरबजीत द्वारा गौरक्षा कार्यकर्ता अपर्णा व शादाब (राष्ट्रीय गौ रक्षा वाहिनी उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी) को मिली तो वे तत्काल मौके पर पहुंचे।
घायल सांड को देखने के बाद कई डॉक्टरों ने तो अपने अपने फोन तक पिक नही किए। नगर निगम के डॉक्टर भी मौके पर पंहुचे पर खाली हाथ फिर उस सांड को वहीं पर ट्रीटमेंट दिया गया।
उसके बाद फोन पर अवगत कराने के बाद तत्काल गाड़ी को मौके पर भेजा गया, पर जब तक उस सांड की मौके पर ही मौत हो चुकी थी,उसे अपनी टीम व नगर निगम के कर्मचारी के सहयोग से गाड़ी में लादकर तत्काल उनके स्थान पर भिजवाया गया।
बीते रोज एक गाय के बछड़े के बीमार होने की सूचना मिलने के बाद राष्ट्रीय गौ रक्षा वाहिनी के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष शादाब अली ने एक बछड़े को अपने निजी खर्चे से वाहन करा कर राहत बचाव मे भिजवाया था। इलाज के लिए बछडे को अस्पताल भेजा और अभी पांच दिन पहले दो गायों को मोहब्बेवाला से व एक गाय को राजपुर रोड से एक टक्कर लगी थी, उनको भी तत्काल उठवाकर इलाज कराया था।
यहां गौरे काबिल है कि शहर में जहां तहां गौवंश आवारा घूम रहा है। काम न होने के कारण बछड़ों को लोग पैदा होने के बाद उसे आवारा छोड़ दे रहे हैं या फिर उन्हे बेच दिया जाता है, जिससे गौवंश की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगे हुए हैं। इससे पहले भी कई बार ऐसे वाकया सामने आए, जिसमें शासन प्रशासन की उदासीनता के चलते गौवंश की सुरक्षा सवालों के घेरे में आ गयी है।
इस टीम में राष्ट्रीय गौ रक्षा वाहिनी की अपर्णा , विनोद नेगी संगठन मंत्री ,अब्दुल वहाब प्रदेश उपाध्यक्ष, इकराम जिला मंत्री, आफताब शाह संगठन मंत्री, नौशाद अली शाह मंत्री,व चीता पुलिस हनुमंत रावत, दीपक कुमार, आदि लोग शामिल थे।