त्रिवेन्द्र के चौतरफा इस्तीफे की मांग। उक्रांद ने फूंका पुतला
देहरादून। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पत्रकार उमेश शर्मा व अन्य के खिलाफ राजद्रोह मामले में राज्य सरकार द्वारा दर्ज एफआईआर को खत्म (क्वेश) करते हुए मुख्यमंत्री पर लगे आरोपों की सीबीआईजांच के आदेश दिए है। बुधवार को उक्रांद के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि, न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने पत्रकार उमेश शर्मा व अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की। मामले के अनुसार उमेश पक्ष की तरफ से सोशल मीडिया में एक व्यक्ति उनकी पत्नी के खिलाफ एक न्यूज़ डाली गई थी। इसे गलत मानते हुए उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 469, 471 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया था। बाद में सरकार की तरफ से इन लोगों के खिलाफ राजद्रोह का भी मुकदमा दायर किया गया था। एकलपीठ ने पत्रकार व साथियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को क्वेश करते हुए फेसबुक पर पत्रकार उमेश द्वारा मुख्यमंत्री पर लगाए आरोपों की सीबीआईजांच करने के आदेश दिए हैं।
वहीं यूकेडी के महिला मोर्चा ने भी भाजपा व मुख्यमंत्री का पुतला दहन कर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इस्तीफे की मांग की। इस दौरान यूकेडी की महानगर अध्यक्षा ने कहा कि, इस पूरे प्रकरण में भाजपा का भ्रष्टाचारी चेहरा माननीय न्यायालय के आदेश पर पर्दाफाश हुआ। चाल, चेहरा, चरित्र बोलने वाली भाजपा व जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले मुख्यमंत्री का असली भ्रष्टाचारी चेहरा बेनकाब हुआ है। उक्रांद अब भाजपानीत त्रिवेंद्र की सरकार के खिलाफ मुहिम को आगे बढ़ायेगा। पुतला दहन कार्यक्रम महानगर अध्यक्षा किरन रावत कश्यप के नेतृत्व में किया गया।
नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे मुख्यमंत्री
आम आदमी पार्टी ने भी एक प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है। पार्टी नेताओं ने कहा कि, जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले मुख्यमंत्री रावत पर खुद भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और कोर्ट के सीबीआई जांच के आदेशों के बाद मामला और भी गंभीर हो गया है। इसलिए मुख्यमंत्री अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे। अगर मुख्यमंत्री अपने पद से इस्तीफा नहीं देते तो आम आदमी पार्टी सड़कों पर उतर कर सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से भी अपील की है कि, जीरो टॉलरेंस कहने वाली बीजेपी और उनके प्रधानमंत्री को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को भ्रष्टाचार के मामले में हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच होते ही तुरंत हटा देना चाहिए।
वहीं कांग्रेस ने भी पूरे प्रकरण की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है।