कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जर्नल ने देहरादून के जिला जज प्रशांत जोशी को मसूरी तक अपनी सरकारी गाड़ी की जगह एक मुल्जिम की निजी ऑडी क्यू7 कार से जाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है ।
मंगलवार 22 दिसंबर को उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के निर्देशानुसार, रजिस्ट्रार जर्नल द्वारा जारी पत्र में लिखा गया है कि प्रशांत जोशी मसूरी में कैम्प कोर्ट में हिस्सा लेने सोमवार और मंगलवार को अपने सरकारी वाहन संख्या यू.के.07जी.ए.3333 की जगह एक मुल्जिम की कार कयू7 कार संख्या यू.के.07 ए.जे.9252 से गए ।
ऑडी कार का स्वामी केवल कृष्ण सोइन है। जबकि कार में संभवतः गलत कृत्यों को छुपाने के लिए जिला जज का बोर्ड लगाया गया था। कार का स्वामी केवल कृष्ण सोइन के खिलाफ आई.पी.सी.की धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत एफ.आई.आर.देहरादून में दर्ज है । आरोपी ने उस एफ.आई.आर.को क्वेश(खारिज)करने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है ।
जिला जज का बोर्ड लगी ऑडी कार को मसूरी में उच्च न्यायालय गेस्ट हाउस के आगे खड़ा किया गया था, जहां कैम्प कोर्ट अमूमन लगता है। आर्डर में कहा गया है कि जिला जज प्रशांत जोशी का ये कदम अनुशासनहीनता दर्शाता है। ये उत्तराखंड कर्मचारी आचरण नियमावली के रूल 3(1), 3(2)और 30 का उल्लंघन है ।
रजिस्ट्रार जर्नल हीरा सिंह बोनाल के आर्डर में ये भी कहा गया है कि सस्पेंड जज प्रशांत जोशी को इस काल मे आधी तनख्वाह दी जाएगी । कहा गया है कि ये धनराशी उन्हें अपनी बेगुनाही का लिखित प्रमाणपत्र देने पर ही मिलेगी । उन्हें इस काल में रुद्रप्रयाग के जिला जज मुख्यालय से अटैच किया गया है और उन्हें उच्च न्यायालय की अनुमति के बगैर स्टेशन छोड़ने की अनुमति भी नहीं दी गई है ।