स्थान / थराली
रिपोर्ट / गिरीश चंदोला
थराली पंचायतों के गठन के बाद थराली ब्लॉक सभागार में करीब एक साल बाद बीडीसी की बैठक गुरुवार को बुलाई गई| ब्लॉक प्रमुख थराली की अध्यक्षता में बुलाई गई इस बैठक में विकासखण्ड के क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान अपने अपने क्षेत्र की समस्याओं को अधिकारियों के सम्मुख रखने और उनके निस्तारण के लिए बैठक में पहुंचे थे| लेकिन बैठक से जिला स्तरीय अधिकारियों के नदारद रहने और अन्य विभागों के विभागाध्यक्षों के न पहुंचने से प्रधान संगठन सहित क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार करते हुए सदन से वॉक आउट कर लिया|
प्रधान संगठन के अध्यक्ष जगमोहन रावत की अगुवाई में सभी ग्राम प्रधान प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर आ गए और विकासखण्ड कार्यालय परिसर में मनरेगा कर्मियों के आंदोलन के समर्थन में सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे| प्रधान संगठन के बहिष्कार के आह्वान के बाद सभी क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने भी सदन का बहिष्कार करते हुए वॉक आउट कर लिया |
पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधियों ने कहा कि, लंबे समय के इंतजार के बाद थराली क्षेत्र पंचायत की पहली बैठक बुलाई गई थी, लेकिन इस बैठक में भी जिला स्तरीय अधिकारी नहीं पहुंचे| उन्होंने कहा कि, बैठक में विभागों के वो कर्मचारी भेजे गए है, जिन्हें पंचायत प्रतिनिधि बीसियों बार अपनी समस्याओं से अवगत करा चुके है|
सदन के सदस्यों ने बताया कि, जब अधिकारियों ने बैठक में पहुंचकर समस्या न तो सुननी है और न ही उसका निस्तारण करना है तो ऐसी बैठक में समस्या किसे सुनाई जाए| साथ ही उन्होंने कहा कि, अगली बैठक 10 दिनों के भीतर इस शर्त पर बुलाई जाए कि, बैठक में जिला स्तर के सभी अधिकारी और जिलाधिकारी स्वयं मौजूद रहेंगे| अन्यथा अधिकारियों के न पहुंचने पर प्रतिनिधि इस तरह की बैठकों का बहिष्कार करते रहेंगे|
वहीं ब्लॉक प्रमुख कविता नेगी ने भी क्षेत्र पंचायत सदस्यों और ग्राम प्रधानों के बहिष्कार पर बोलते हुए कहा कि, जिला स्तरीय अधिकारियों और विभागों के विभागाध्यक्षों के बैठक में न पहुंचने पर सदन के सदस्यों में रोष है| उन्होंने कहा कि, जनप्रतिनिधियों की ये मांग जायज है और जिला स्तरीय अधिकारियों को भी बीडीसी की बैठकों में आना चाहिए|