नीरज उत्तराखंडी, पुरोला
देहरादून के अखबारों में भले ही सूबे का मौसम गुलाबी है, बागों में बहार है, लेकिन यदि आपको उत्तरकाशी के मोरी आराकोट क्षेत्र के एक पखवाड़े पहले आपदा पीड़ितों का हाल जानना है तो फिर अखबारों और टीवी से नजरें हटाकर एक बार इन चार वीडियो पर नजरें इनायत करनी होगी। आपसे अनुरोध है कि इस खबर को शेयर कीजिए ताकि हकीकत से हुक्मरान भी अवगत हो सकें।
देखिए वीडियो 1
यहां के लोग कह रहे हैं कि इन्हें सरकार से दो 2 किलो आटा चावल की भीख नहीं चाहिए। उन्हें खैरात नहीं चाहिए बल्कि वह गांव के पहाड़ के कर्मठ लोग हैं, बस उनके रास्ते दुरस्त करवा दीजिए, ताकि वे बगीचों में सड़ रहा अपना सेब बाजार तक पहुंचा सकें।
देखिए वीडियो 2
लेकिन इनके धरना प्रदर्शन में समझाने के लिए आए उप जिला अधिकारी इन को समझा रहे हैं या फिर अपनी बेबसी प्रकट कर रहे हैं कि मलवा हटाने के लिए बड़ी एलएनटी मशीन चाहिए और सरकार के पास उसका एक ऑपरेटर तक नहीं है। ध्यान से सुनिए क्या कह रहे हैं एसडीएम साहब
देखिए वीडियो 3
रोजगार और विकास के हजार दावे अखबारों में बखान करने वाली सरकार की हकीकत दरअसल यही है कि उनके पास सड़कों पर पड़ा हुआ मलवा हटाने की मशीन का एक ऑपरेटर तक नहीं है और न ही सरकार इसका इंतजाम करने की स्थिति में है। इस स्थिति में होती तो आज आपदा आए 17 अट्ठारह दिन हो गए हैं, अब तक किसानों का लाखों करोड़ों रुपए का सेब बाजार में पहुंच चुका होता और यह किसान आज बदहाली के कगार पर न खड़े हुए होते।
हकीकत जाननी है तो इस युवक की बेबसी भी सुनिए यह युवक कह रहा है कि सरकार उनके रास्ते ठीक करने के बजाय अपने गेस्ट हाउस तक पहुंचने के रास्ते ठीक कर रही है।
देखिए वीडियो 4
आपदाग्रस्त क्षेत्र कोटीगाड़ पट्टी के मोलडी मौंडा,बलॉवट,दुचाणु,किरौली,चींवा,टिकोची,बरनाली,झोटाड़ी,जागटा,डगोली के प्रभावित किसानों, उद्यानपतियों ने 2 दिन पूर्व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर शासन प्रशासन पर आपदा प्रभावित क्षतिग्रस्त चिंवा आराकोट,टिकोची मुख्य व कई आंतरिक,पैदल मोटर पैदल मार्गो को खोलने में लेटलतीफी को लेकर आक्रोश व्यक्त कर मंगलवार 2 सितंबर से आराकोट एन एच पर चक्काजाम व प्रर्दशन की चेतावनी दी थी।
आराकोट क्षेत्र के आपदा प्रभावित बागवानों ने सेब का उचित समर्थन मूल्य दिए जाने व आराकोट-टिकोचि-चिंवा मोटर मार्ग जल्द खोलने जाने,पीड़ित परिवारों का केसीसी ऋण माफ़ करने सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर आराकोट कोठीगाड़ पट्टी के डेढ़ दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीणों ने पूर्व घोषित चक्का जाम,धरना प्रदर्शन एसडीएम अनुराग आर्य व लोनिवि ईई धीरेंद्र कुमार के समझाने के बाद स्थगित कर दिया। जिस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम अनुराग आर्य,एडीएम, तिरथपाल सिहं, सीओ पुलिस को मौके पर भेज कर ग्रामीणों को समझाया।
जागटा निवासी शूरवीर सिहं चौहान व सतीश ने बताया कि सेब की फसल बगीचों में बर्बाद हो रही है मुख्य मोटर मार्गों को जल्दी खोलनें, केसीसी ऋण माफ करनें समेत चार सूत्रीय मांगों को लेकर चक्का जाम व प्रर्दशन को ज्ञापन दिया गया है.जो एसडीएमव एडीएम के आश्वासन पर पांच दिनों के लिए स्थगित किया गया है। चेतावनी देने वालों में शूरवीर चौहाननरेश रावत,कल्याण सिंह,मनमोहन सिंह,विनोद रावत शीशपाल सिंह,अतर सिंह,किशोरी लाल, सुभद्रा देवी उमानंद नौटियाल,आदि शामिल है।